“बीटेक छात्र की मौत को बताया राष्ट्रीय क्षति, कहा- प्रशासन बना रहा मूकदर्शक”
“मुआवजा और नियोजन पर चुप्पी दुर्भाग्यपूर्ण, झारखंड की कानून व्यवस्था अब नियंत्रण में नहीं”
सरायकेला-
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्र सरकार में मंत्री रहे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता अर्जुन मुंडा बुधवार को बोकारो पहुंचे। उनका यह दौरा हाल ही में बोकारो में विस्थापित अप्रेंटिस संघ के आंदोलन के दौरान हुए पुलिस लाठीचार्ज में मारे गए छात्र प्रेम कुमार महतो के परिजनों से मुलाकात को लेकर था। इस दौरान उन्होंने गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए राज्य सरकार और प्रशासन पर तीखे सवाल खड़े किए।
“मेधावी छात्र की मौत सिर्फ परिवार की नहीं, देश की भी क्षति”
प्रेम कुमार महतो, जो कि बेंगलुरु से बीटेक की डिग्री लेकर लौटा था, उसकी आंदोलन के दौरान हुई मौत पर अर्जुन मुंडा ने गहरी पीड़ा व्यक्त की। उन्होंने कहा, “यह एक मेधावी छात्र की असामयिक मृत्यु नहीं, बल्कि राष्ट्र की क्षति है। ऐसे युवाओं में देश का भविष्य बसता है।”
प्रशासन की भूमिका पर सवाल, “मूकदर्शक क्यों बनी रही सरकार?”
अर्जुन मुंडा ने कहा कि जब विस्थापित अप्रेंटिस छात्र बोकारो स्टील प्लांट के सामने अपने हक के लिए प्रदर्शन कर रहे थे, तब प्रशासन की संवेदनशीलता नदारद थी। उन्होंने पूछा, “आखिर प्रशासन मूकदर्शक क्यों बना रहा? उस स्थल पर मजिस्ट्रेट की तैनाती क्यों नहीं की गई, और अगर की गई थी तो वह कहां थे?”
अब तक नहीं मिला मुआवजा, न ही नियोजन की कोई पहल
मुंडा ने परिजनों से मुलाकात के बाद जानकारी साझा करते हुए बताया कि अब तक उन्हें सरकार की ओर से न तो किसी प्रकार की मुआवजा राशि मिली है और न ही नियोजन की कोई ठोस पहल हुई है। इसे उन्होंने “बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण और असंवेदनशील रवैया” करार दिया।
“कानून व्यवस्था सरकार के नियंत्रण से बाहर”
झारखंड की कानून-व्यवस्था पर टिप्पणी करते हुए अर्जुन मुंडा ने स्पष्ट रूप से कहा, “अब यह सरकार के नियंत्रण में नहीं है। जब अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण मिलता है, तब ऐसे ही हालात पैदा होते हैं।” उन्होंने कहा कि प्रशासन और सरकार दोनों अपराधियों के सामने लाचार नजर आ रहे हैं, और जनता की सुरक्षा का दावा खोखला साबित हो रहा है।
पश्चिम बंगाल की स्थिति पर भी जताई चिंता
बोकारो के जैना मोड़ में पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा आयोजित स्वागत कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बात करते हुए मुंडा ने पश्चिम बंगाल में हो रही हिंसा पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड के स्वागत के नाम पर हो रहे विरोध और उन्माद फैलाने की घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण हैं। “यह पूरी तरह से राजनीति प्रेरित घटनाएं हैं और राज्य सरकार को चाहिए कि वह कानून व्यवस्था को इस तरह दुरुस्त करे कि आम नागरिक सुरक्षित महसूस कर सके,” उन्होंने कहा।
कार्यकर्ताओं ने किया गर्मजोशी से स्वागत
गिरिडीह जाने के क्रम में अर्जुन मुंडा बोकारो के जैना मोड़ में रुके, जहां भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया। इस अवसर पर स्थानीय कार्यकर्ताओं और नेताओं से मुलाकात कर उन्होंने पार्टी की गतिविधियों की भी जानकारी ली।
निष्कर्ष:
पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा के इस दौरे ने न सिर्फ प्रशासन की भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि राज्य सरकार की संवेदनशीलता पर भी गंभीर सवालिया निशान लगा दिया है। प्रेम कुमार महतो जैसे मेधावी युवाओं की असमय मौत से पैदा हुई पीड़ा अब राजनीतिक विमर्श के केंद्र में है, और सरकार के लिए यह एक चेतावनी है कि वह समय रहते नीतिगत और मानवीय दोनों स्तरों पर जरूरी कदम उठाए।