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समान कार्य के लिए समान भत्ता और बेहतर इलाज की मांग पर झारखंड मजदूर संघ और किरीबुरु सेल प्रबंधन की अहम बैठक सम्पन्न

 

ठेका श्रमिकों को रात्रि पाली भत्ता, आवास सुविधा, चिकित्सा सुधार सहित कई मांगों पर बनी सहमति, CGM कमलेश राय ने दिए तत्काल निर्देश

रिपोर्ट : शैलेश सिंह।
दिनांक 07 जून 2025 को झारखंड मजदूर संघर्ष संघ (किरीबुरु इकाई) और सेल प्रबंधन किरीबुरु के बीच एक अहम द्विपक्षीय बैठक आयोजित की गई। यह बैठक लगभग डेढ़ वर्ष बाद हुई, जिसमें ठेका श्रमिकों और कर्मचारियों से जुड़ी अहम मांगों और समस्याओं पर गहन चर्चा की गई।

बैठक में पूर्व में सौंपे गए चार्टर ऑफ डिमांड के कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं जैसे समान कार्य के लिए समान भत्ता, रात्रि पाली भत्ता, आवास सुविधा, CL व Sick Leave, तथा चिकित्सा सुविधा में सुधार की मांग को लेकर विमर्श हुआ।

🔧 ठेका श्रमिकों की मांगों पर बनी सहमति

ठेका श्रमिकों के हित में निम्नलिखित मुद्दों पर चर्चा हुई और प्रबंधन ने इन्हें जल्द लागू करने पर सहमति जताई:

समान कार्य के लिए समान भत्ता

ठेका श्रमिकों के लिए आवास सुविधा

रात्रि पाली में कार्य करने वाले ठेका श्रमिकों को बोकारो व गुवा की तर्ज पर रात्रि पाली भत्ता

CL व Sick Leave की सुविधा

किरीबुरु अस्पताल में गुवा के समतुल्य चिकित्सा सुविधा

इन सभी मामलों पर सहमति जताते हुए प्रबंधन ने कहा कि इन प्रस्तावों को शीघ्र उच्च अधिकारियों से स्वीकृति लेकर लागू किया जाएगा। इसका कार्यभार उप प्रबंधक (HR) को सौंपा गया है।

🏥 चिकित्सा व्यवस्था पर तीखी बहस, रेफरल नीति में सुधार की मांग

बैठक का एक अहम हिस्सा रहा किरीबुरु अस्पताल की जर्जर होती चिकित्सा व्यवस्था पर चर्चा। अस्पताल में चिकित्सकों की भारी कमी, विशेषकर स्त्री रोग विशेषज्ञ, अल्ट्रासाउंड सुविधा, और ब्लड बैंक की अनुपलब्धता पर चिंता जताई गई।

महामंत्री श्री राजेंद्र सिंधिया ने कहा कि –

“अगर अस्पताल में सुविधा नहीं है तो मरीजों को रेफर करने में देरी क्यों? जीवन एक बार मिलता है, उसके साथ खिलवाड़ नहीं होना चाहिए।”

उन्होंने कहा कि हर बार मरीजों को रेफर कराने के लिए CGM के पास आना पड़ता है, जबकि यह जिम्मेदारी अस्पताल प्रबंधन की होनी चाहिए।

CGM श्री कमलेश राय ने स्पष्ट किया कि वे किसी का रेफर नहीं रोकते हैं। साथ ही उन्होंने अस्पताल को स्पष्ट निर्देश दिया कि अगर सुविधा नहीं है तो तुरंत मरीज को रेफर किया जाए।

💊 दवा वितरण व्यवस्था में हस्तक्षेप पर नाराजगी

बैठक में एक और गंभीर मुद्दा सामने आया जब डॉक्टर की प्रिस्क्रिप्शन के बाद दवा वितरण में वरिष्ठ चिकित्सकों की अलग से हस्ताक्षर की अनिवार्यता को लेकर सवाल उठाए गए।

इस पर CGM कमलेश राय ने अस्पताल प्रशासन को निर्देश देते हुए कहा –

“इस प्रक्रिया को तुरंत बंद किया जाए। सोमवार को अस्पताल में बैठक बुलाकर इसे प्रभावी रूप से समाप्त करें।”

⏱️ उपस्थिति प्रणाली में आ रही समस्या पर चर्चा

पिछले कुछ दिनों से किरीबुरु खदान में कर्मचारियों की उपस्थिति दर्ज करने में हो रही समस्या को भी बैठक में उठाया गया।
वर्तमान में लेट से आने पर attendance बनने में दिक्कतें आ रही हैं, जबकि पहले विभागीय रेग्युलराइजेशन के बाद उपस्थिति दर्ज हो जाती थी।

उप महाप्रबंधक अमित विश्वास ने इस विषय पर स्पष्ट किया कि:

“टाइम कीपर का कार्य है उस समय को रिकॉर्ड करना जब कर्मचारी आता है। उसे कार्ड देने से मना नहीं किया जाए। लेट आने पर वेतन कटेगा या नहीं, यह बाद में तय होगा।”

उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि टाइम कीपर सिर्फ सही समय में दर्ज करे, न कि कार्ड ही न देने की स्थिति में आएं।

⚙️ कर्मचारी कमी और उत्पादन पर प्रभाव का मुद्दा

विभागों में ऑपरेटर और श्रमिकों की भारी कमी पर चिंता व्यक्त की गई। यह स्पष्ट रूप से उत्पादन पर असर डालने वाला कारक बन रहा है।

महासचिव व केंद्रीय अध्यक्ष ने इस विषय को गंभीरता से लेते हुए जल्द भर्ती प्रक्रिया और कार्य विभाजन की मांग की।

🧑‍🤝‍🧑 प्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी

बैठक में प्रबंधन की ओर से मौजूद रहे:

CGM प्रभारी श्री कमलेश राय
नवपदस्थ CGM श्री सी.वी. कुमार
महाप्रबंधक (सिविल) डी.बी. जयकर
उप महाप्रबंधक (HR) अमित विश्वास
अस्पताल से डॉ. मधुसूदन दास

झारखंड मजदूर संघर्ष संघ (किरीबुरु) की ओर से शामिल हुए:

केंद्रीय अध्यक्ष श्री रामा पांडे

उपाध्यक्ष श्री बुधन सिंह कुंकल

महामंत्री श्री राजेंद्र सिंधिया

संगठन सचिव श्री संजय तिग्गा

प्रभा सिद्दू, सिया बिहारी, लीबिया बारला, सत्यजीत दास, लखन चंपिया, पीसी मलिक, राजेंद्र मेनन, तापस पात्रो आदि

📌 अंत में केंद्रीय अध्यक्ष का आग्रह

बैठक की समाप्ति पर केंद्रीय अध्यक्ष श्री रामा पांडे ने मंच का संचालन करते हुए कहा –

“आगामी बैठक से पहले उठाए गए मुद्दों पर समाधान हो जाए, तो यह न केवल श्रमिक हित में होगा बल्कि प्रबंधन और यूनियन के बीच विश्वास भी मजबूत होगा।”

यह बैठक श्रमिकों की पीड़ा और उनकी मांगों की आवाज़ को मंच पर पहुंचाने की एक बड़ी पहल रही, जिसका असर आने वाले समय में ग्राउंड पर दिखने की उम्मीद है।

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