नेतरहाट और इंदिरा गांधी बालिका विद्यालय की तर्ज पर बनेगा उच्च स्तरीय स्कूल, कुल 13 एकड़ भूमि चिन्हित
रिपोर्ट : शैलेश सिंह।
पश्चिमी सिंहभूम जिले के खूंटपानी अंचल क्षेत्र के मौजा- बादेया में एक आधुनिक आवासीय विद्यालय की स्थापना की दिशा में प्रशासनिक प्रक्रिया तेज हो गई है। इस क्रम में जिला दंडाधिकारी-सह-उपायुक्त श्री चंदन कुमार ने सदर चाईबासा अनुमंडल पदाधिकारी को निर्देश दिया है कि वह अंचल अधिकारी-खूंटपानी के साथ समन्वय स्थापित कर प्रस्तावित भूमि का सीमांकन करते हुए सूचनात्मक बोर्ड लगाए जाने की आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करें।
नेतरहाट और हजारीबाग मॉडल पर आधारित स्कूल की होगी स्थापना
यह प्रस्ताव संयुक्त सचिव, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, झारखंड सरकार के पत्रांक-196, दिनांक 27.07.2025 के आलोक में तैयार किया गया है। प्रस्ताव के अनुसार, झारखंड राज्य में संचालित नेतरहाट आवासीय विद्यालय और इंदिरा गांधी बालिका विद्यालय-हजारीबाग की तर्ज पर खूंटपानी क्षेत्र में एक गुणवत्तापूर्ण आवासीय विद्यालय की स्थापना की जाएगी, जिससे इस पिछड़े और आदिवासी बहुल क्षेत्र के बच्चों को बेहतर शैक्षणिक वातावरण मिल सकेगा।
कुल 13 एकड़ जमीन प्रस्तावित
अंचल अधिकारी-खूंटपानी द्वारा विद्यालय की स्थापना हेतु निम्नलिखित भूखंड प्रस्तावित किए गए हैं:
- मौजा: बादेया
- थाना संख्या: 49
- खाता संख्या: 01
- प्लॉट संख्या: 571, 584, 600, 604 एवं अन्य
- कुल रकबा: लगभग 13 एकड़
- जमीन का किस्म: पुरानी परती भूमि
प्रस्तावित रकबे में क्रमशः 3.30 एकड़, 5.34 एकड़, 2.20 एकड़, 2.44 एकड़ और अन्य भूखंड शामिल हैं। इन सभी भूखंडों का सीमांकन कर, वहाँ योजना का विवरण युक्त सूचनात्मक बोर्ड स्थापित किया जाना है।
उपायुक्त के निर्देश
उपायुक्त ने स्पष्ट रूप से निर्देश दिया है कि आवासीय विद्यालय की स्थापना से पूर्व भू-अधिग्रहण, सीमांकन, सूचना बोर्ड की स्थापना तथा प्रशासनिक स्वीकृतियों की प्रक्रिया को शीघ्रता एवं पारदर्शिता के साथ पूरा किया जाए, ताकि विद्यालय निर्माण कार्य जल्द आरंभ हो सके।
शिक्षा विकास की दिशा में बड़ा कदम
इस प्रस्तावित विद्यालय की स्थापना से खूंटपानी सहित आसपास के क्षेत्रों के आदिवासी एवं ग्रामीण बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, सुरक्षित आवासीय सुविधा और समग्र विकास का अवसर प्राप्त होगा। यह पहल न केवल शैक्षणिक असमानता को कम करने में सहायक होगी, बल्कि राज्य सरकार की शिक्षा के क्षेत्र में प्रतिबद्धता का भी प्रमाण है।