ओड़िया भजनों पर श्रद्धालु झूमे, कलाकारों ने बांधा समां; नटराज कला मंदिर के बच्चों को किया गया सम्मानित
सरायकेला, 6 जुलाई।
पुरी की परंपरा के अनुसार बाहुड़ा रथ यात्रा (रथ वापसी) के अवसर पर शनिवार की रात सरायकेला के कालूराम चौक में श्री कालूराम सेवा ट्रस्ट द्वारा 23वां भव्य भजन संध्या का आयोजन किया गया। परंपरा के अनुसार, भगवान जगन्नाथ बाहुड़ा के दिन कालूराम चौक में रात्रि विश्राम करते हैं। इसी अवसर पर श्रद्धा और भक्ति से ओतप्रोत भजन संध्या का आयोजन हुआ, जिसमें सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।
कार्यक्रम का शुभारंभ श्री कालूराम सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष मनोज कुमार चौधरी ने महाप्रभु की भव्य आरती के साथ किया। जैसे ही “मुठऐ पोखालो रे पेटो पूरे मोरो…” और अन्य भक्तिपूर्ण ओड़िया भजन गूंजे, श्रद्धालु भाव-विभोर होकर झूमने लगे।
ओड़िया कलाकारों की प्रस्तुति ने मोहा मन
भजन संध्या में राउरकेला से आईं ओड़िया भजन गायिका स्वर्णरेखा, गायक मनोज, जमशेदपुर के बलदेव सिंह, बालकिशन, अर्पणा बनर्जी, तथा सरायकेला के युवा कलाकार शिवम चौधरी ने एक से बढ़कर एक भजन प्रस्तुत कर श्रद्धालुओं को भक्ति रस में डुबो दिया। पूरे कार्यक्रम के दौरान भजन की गूंज से कालूराम चौक आध्यात्मिक ऊर्जा से भर उठा।
नटराज कला मंदिर के बच्चों को किया गया सम्मानित
भजन कार्यक्रम के दौरान नटराज कला मंदिर के बच्चों ने आकर्षक सांस्कृतिक प्रस्तुति दी। उनकी प्रस्तुति को देखते हुए ट्रस्ट अध्यक्ष मनोज कुमार चौधरी द्वारा सभी बच्चों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। साथ ही, सुंदर झांकियों की प्रस्तुति और देव सभा की कलात्मक प्रस्तुति के लिए अमरजीत सिन्हा को गायिका स्वर्णरेखा द्वारा विशेष रूप से सम्मानित किया गया।
गणमान्य लोग भी हुए शामिल
कार्यक्रम में सरायकेला सर्किल इंस्पेक्टर नितिन कुमार सिंह, एसएसआई रामरेखा पासवान, अजय चौधरी, संजय चौधरी, अशोक चौधरी, राजू चौधरी, सुनील चौधरी, विमल चौधरी, ललित चौधरी, दिनेश चौधरी, आशुतोष चौधरी, भोला मोहंती, सुशील अचार्य सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु और गणमान्य नागरिक मौजूद थे। सभी ने देर रात तक भजन कार्यक्रम का आनंद लिया।
परंपरा और भक्ति का अनूठा संगम
भजन संध्या का यह आयोजन न केवल धार्मिक परंपरा को निभाने का माध्यम था, बल्कि सांस्कृतिक समरसता और सामूहिक आस्था की एक अद्वितीय मिसाल भी रहा। श्री कालूराम सेवा ट्रस्ट द्वारा किए जा रहे ऐसे आयोजन समाज में भक्ति और संस्कृति के प्रति जागरूकता लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।