भवन की जर्जर स्थिति और उपेक्षा पर जताई चिंता, चैत्र पर्व 2025 में सम्मानजनक पारितोषिक की मांग भी रखी गई
सरायकेला :
विश्वविख्यात सरायकेला छऊ नृत्य की विरासत को सहेजने वाले राजकीय छऊ नृत्य कला केंद्र की बदहाल स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए सरायकेला छऊ आर्टिस्ट एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को उपायुक्त नितीश कुमार सिंह से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त को स्मृति चिह्न (मोमेंटो) भेंट कर सम्मानित किया और कला केंद्र की समस्याओं व आवश्यकताओं से उन्हें अवगत कराया।
भवन की हालत जर्जर, परिसर बना जंगल
प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त को जानकारी दी कि राजकीय छऊ नृत्य कला केंद्र का भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है और उसका पूरा परिसर अब जंगल में तब्दील हो गया है। नियमित साफ-सफाई तक नहीं हो रही है। नगर पंचायत द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा, जिससे यह गौरवशाली सांस्कृतिक स्थल उपेक्षा का शिकार हो गया है।
मुख्य मांगें: जीर्णोद्धार, कलाकारों का पारितोषिक और प्रोजेक्ट की बहाली
प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त के समक्ष निम्न प्रमुख मांगें रखीं:
- चैत्र पर्व 2025 में भाग लेने वाले कलाकारों को सम्मानजनक पारितोषिक राशि दी जाए।
- राजकीय छऊ नृत्य कला केंद्र से संबंधित प्रोजेक्ट को जल्द चालू किया जाए।
- पर्यटन विभाग की राशि से जिला परिषद के माध्यम से कला केंद्र का जीर्णोद्धार कार्य अविलंब शुरू किया जाए।
- परिसर की नियमित साफ-सफाई और रख-रखाव सुनिश्चित किया जाए।
उपायुक्त ने जल्द समाधान का दिया आश्वासन
उपायुक्त श्री नितीश कुमार सिंह ने प्रतिनिधिमंडल की बातों को गंभीरता से सुना और सभी मांगों के नियमों के अनुसार जल्द निराकरण का भरोसा दिलाया। उन्होंने छऊ नृत्य को जिले की सांस्कृतिक पहचान बताते हुए इसके संरक्षण व संवर्धन के लिए प्रशासनिक स्तर पर हरसंभव प्रयास का आश्वासन दिया।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल रहे वरिष्ठ कलाकार
इस मुलाकात में एसोसिएशन के संरक्षक मनोज कुमार चौधरी, अध्यक्ष भोला मोहंती सहित कई वरिष्ठ कलाकार उपस्थित थे। राजकीय छऊ नृत्य कला केंद्र के समन्वयक सुदीप कुमार कवि, संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित ब्रजेंद्र पटनायक, संतोष कुमार कर और अविनाश कवि ने भी अपने विचार साझा किए और कला केंद्र की बदहाली पर चिंता व्यक्त की।
स्थानीय प्रशासन से कलाकारों को उम्मीद
प्रतिनिधिमंडल को उम्मीद है कि जिला प्रशासन के स्तर पर शीघ्र ठोस कदम उठाए जाएंगे ताकि राजकीय छऊ नृत्य कला केंद्र को उसकी गरिमा और पहचान फिर से मिल सके और छऊ कलाकारों को उचित मंच व सम्मान मिल सके।