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राजकीय चैत्र पर्व सह छऊ महोत्सव 2025- खरसावां में पारंपरिक छऊ नृत्य प्रतियोगिता का भव्य आयोजन

 

छऊ नृत्य कलाकेंद्र खरसावां बना विजेता, संस्कृति संरक्षण की मिसाल बनी प्रतियोगिता

सरायकेला: राजकीय चैत्र पर्व सह छऊ महोत्सव 2025 के तहत खरसावां स्थित राजकीय छऊ नृत्य कलाकेंद्र प्रेक्षागृह में खरसावां शैली के छऊ नृत्य प्रतियोगिता का भव्य आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में कुल चार प्रतिष्ठित छऊ नृत्य दलों ने भाग लिया, जिसमें रंग-बिरंगे परिधान, तालबद्ध मुद्राओं और पारंपरिक संगीत के साथ कलाकारों ने मंच पर जीवंतता ला दी।

चार छऊ दलों ने दिखाया दम

प्रतियोगिता में छऊ नृत्य कलाकेंद्र खरसावां, भैरव छऊ नृत्य दल रामपुर, मार्शल छऊ कलाकेंद्र जोजोडीह, तथा भवेश छऊ नृत्य कलाकेंद्र देहरीडीह ने हिस्सा लिया। चारों दलों ने अपने-अपने पारंपरिक प्रस्तुतियों के माध्यम से स्थानीय लोककला और सांस्कृतिक परंपरा को सजीव कर दिया।

विजेताओं की हुई घोषणा

निर्णायक मंडली के निर्णय के आधार पर जिला परिवहन पदाधिकारी गिरिजा शंकर महतो ने विजेता दलों की घोषणा की।

प्रथम स्थान: छऊ नृत्य कलाकेंद्र, खरसावां
द्वितीय स्थान: भवेश छऊ नृत्य कलाकेंद्र, देहरीडीह
तृतीय स्थान: भैरव छऊ नृत्य दल, रामपुर

निर्णायक मंडली में रहे प्रसिद्ध गुरु

प्रतियोगिता का मूल्यांकन गुरु तपन कुमार पटनायक, गुरु बृजेंद्र पटनायक, गुरु सुधांशु शेखर पानी, गुरु तरुण कुमार भोल, तथा गुरु मनोरंजन साहू जैसे ख्यातिनाम निर्णायकों ने किया। इन गुरुओं की उपस्थिति ने कार्यक्रम को गरिमा प्रदान की।

दीप प्रज्वलन से हुआ शुभारंभ

कार्यक्रम की शुरुआत जिला खेल पदाधिकारी अमित कुमार, गुरु विजय कुमार साहू, गुरु गणेश चंद्र महतो, गुरु मलय कुमार साहू, तथा राजकीय छऊ नृत्य कलाकेंद्र के संस्थापक सदस्य विजय महांती और खरसावां के वरिष्ठ छऊ गुरु दिलदार अंसारी द्वारा दीप प्रज्वलन कर की गई।

सम्मान और पुरस्कार वितरण

राजकीय छऊ नृत्य कलाकेंद्र के कलाकारों द्वारा मंचासीन अतिथियों को पुष्पगुच्छ भेंट कर सम्मानित किया गया। वहीं जिला परिवहन पदाधिकारी गिरिजा शंकर महतो, जिला खेल पदाधिकारी अमित कुमार, एसडीपीओ समीर कुमार सवैया, और सरायकेला इंस्पेक्टर एस.पी. गुप्ता ने सभी छऊ गुरुओं को अंगवस्त्र भेंटकर स्वागत किया।

कला संस्कृति हमारी पहचान: अधिकारी

इस अवसर पर जिला परिवहन पदाधिकारी गिरिजा शंकर महतो ने कहा,

“जो दल पुरस्कार नहीं जीत सके, उन्हें निराश होने की आवश्यकता नहीं है। सभी ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। हमारी संस्कृति और पहचान इन कलाओं से जुड़ी हुई है, जिसे हमें संरक्षित करना है।”

जिला खेल पदाधिकारी अमित कुमार ने प्रतिभागियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा,

“यह परंपरा आगे भी जारी रहेगी। पुरस्कार न मिलने से हताश न हों, अपने दल को और बेहतर बनाएं और अगली बार सफलता निश्चित रूप से मिलेगी।”

मुख्य मंच पर होगा पुरस्कार वितरण

प्रतियोगिता में स्थान पाने वाले दलों को मुख्य मंच पर अतिथियों के करकमलों से पुरस्कार प्रदान किया जाएगा, जिससे कलाकारों का उत्साहवर्धन हो और उनकी मेहनत को पहचान मिले।

बड़ी संख्या में कलाकारों की उपस्थिति

इस अवसर पर बड़ी संख्या में छऊ कलाकार और समाजसेवी उपस्थित रहे। इनमें प्रमुख रूप से भोला महांती, सुदीप कबी (कोऑर्डिनेटर), अमलेश सिन्हा, रूपेश साहू, अमित साहू, राजेश महापात्र, कृष्णा सोय, आशीष कर, गजेंद्र महांती, पंकज साहू, अभिनाश कबी, गोपाल पटनायक, संतोष कर, निवारण महतो, असित पटनायक, कुना सामल, राकेश कबी, शिवनाथ मिश्रा, रजतेंदु रथ, गणेश परीछा, शिव चरण साहू, घसीनाथ भोल, सिद्धू दरोगा और चंदन कबी जैसे लोग शामिल थे।

संस्कृति से जुड़ाव और उत्सव की इस परंपरा ने एक बार फिर यह साबित किया कि छऊ नृत्य सिर्फ एक कला नहीं, बल्कि झारखंड की आत्मा है।

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