प्रेम एसआर की अद्भुत उपलब्धि
रिपोर्ट: शैलेश सिंह
केन्द्रीय विद्यालय मेघाहातुबुरु के मेधावी छात्र प्रेम एसआर, जिन्होंने अपने पहले ही प्रयास में जेईई (मेन) परीक्षा को सफलता पूर्वक पास कर लिया, ने अपने विद्यालय और शहर का नाम गौरवान्वित किया है। उनके पिता एस रमेश कुमार एक प्रतिष्ठित व्यवसायी हैं और माता आर रेवथी भी शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ी हुई हैं।
उल्लेखनीय प्रदर्शन
प्रेम एसआर ने जेईई (मेन) परीक्षा में 96.08 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं, जो कि एक शानदार उपलब्धि है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्होंने यह सफलता 12वीं की परीक्षा पूर्ण करने से पहले ही हासिल कर ली है। फिलहाल, वे अपनी सीबीएसई 12वीं की परीक्षा दे रहे हैं।
बेहतर स्कोर के लिए पुनः प्रयास
अपनी इस सफलता से प्रेम एसआर खुश तो हैं, लेकिन वे इससे भी अधिक अंक प्राप्त करने की आकांक्षा रखते हैं। उन्होंने बताया कि वे इस परीक्षा में फिर से शामिल होने की तैयारी कर रहे हैं ताकि अपने अंक प्रतिशत को और बेहतर कर सकें।
विद्यालय में निरंतर टॉपर
प्रेम एसआर अपने विद्यालय में हमेशा से ही उत्कृष्ट छात्र रहे हैं। वे हर कक्षा में टॉपर रहे हैं और 10वीं बोर्ड परीक्षा में भी उन्होंने सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया था। उनकी इस सफलता से विद्यालय में हर्ष की लहर दौड़ गई है।
विद्यालय परिवार की प्रसन्नता
विद्यालय के प्राचार्य डॉ. आशीष कुमार और सभी शिक्षक-शिक्षिकाएं प्रेम एसआर की इस उपलब्धि से अत्यंत प्रसन्न हैं। प्राचार्य डॉ. आशीष कुमार ने प्रेम एसआर को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा, “प्रेम हमारे विद्यालय की शान हैं। वे अत्यंत अनुशासित छात्र हैं और उनमें सीखने की गहरी ललक है। हम सभी को उन पर गर्व है।”
पारिवारिक गर्व और सम्मान
प्रेम एसआर के पिता एस रमेश कुमार किरीबुरु के प्रतिष्ठित व्यवसायी हैं और उनकी “रमेश इलेक्ट्रॉनिक्स” नामक दुकान बैंकमोड़ में स्थित है। उनके दादा (स्व.) पूर्व में सेल कंपनी के कर्मचारी थे। एस रमेश कुमार ने अपने बेटे की सफलता पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि यह न केवल उनके परिवार के लिए बल्कि केन्द्रीय विद्यालय मेघाहातुबुरु और पूरे किरीबुरु-मेघाहातुबुरु क्षेत्र के लिए भी गर्व की बात है। उन्होंने कहा, “हम अपने बेटे की इस उपलब्धि से बहुत खुश हैं और उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं।”
प्रेम एसआर की यह सफलता न केवल उनके परिवार और विद्यालय के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनके कठिन परिश्रम और समर्पण ने यह सिद्ध कर दिया कि यदि लक्ष्य निर्धारित कर कड़ी मेहनत की जाए, तो कोई भी सफलता असंभव नहीं है।