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जल संसाधन विभाग के ललन कुमार ने अवधेश कुमार के अधिसूचना के खिलाफ उच्च न्यायालय में केस दर्ज किया।

उच्च न्यायालय में दायर मामला

SHAILESH SINGH :- अवधेश कुमार के प्रोन्नति और पदस्थापन के खिलाफ उच्च न्यायालय में केस दर्ज।
8 अक्टूबर के अधिसूचना में भारी गड़बड़ी और पक्षपात किए जाने के कारण जल संसाधन विभाग के अधिसूचना पर सवाल उठाया गया है। मालुम हो कि जल संसाधन विभाग के सचिव प्रशांत कुमार ने अपनी सेवा काल के अन्तराल में अवधेश कुमार जैसे चर्चित माफिया अभियंता के लिए कोर्ट तक जाने का सफर तय कर रहे हैं।
केस दर्ज करने वाले अधीक्षक अभियंता ललन कुमार की पहली सुनवाई में माननीय न्यायाधीश ने अवधेश कुमार को पर्सनेल नोटिस रिसीव कराने का आदेश दिया है, वहीं विभाग को जवाब दाखिल करने का ऑर्डर किए हैं।
सूत्रों के अनुसार अवधेश कुमार के 8 अक्टूबर के बाद से मुख्य अभियंता की हैसियत से काम करने को लेकर एक और रिट याचिका दायर की जा रही है, इस मामले में ग्रामीण कार्य विभाग के प्रधान सचिव के श्रीनिवासन को पार्टी बनाया जा रहा है। 8 अक्टूबर की अधिसूचना से अवधेश कुमार की सेवा वापस ली गई है और उसी अधिसूचना में पुनः सेवा सौंपी गई है। इस आलोक में पूर्व की सभी अधिसूचना स्वतः विलोपित हो जाएगी, लेकिन प्रधान सचिव ने टेंडर डिसाइड के खेल को जारी रखा और अवधेश कुमार से मुख्य अभियंता के रूप में कार्य कराते रहे।

लोकसभा चुनाव के दौरान 69 टेंडर में भारी गड़बड़ी किए जाने की सूचना।

गौरतलब है कि अवधेश कुमार पर टेंडर घोटाला किए जाने की चर्चा जोरों पर है। लोकसभा चुनाव के दौरान 69 टेंडर में भारी गड़बड़ी किए जाने और फेल संवेदक को पास करने का गंभीर मामला है। साथ ही नई व्यवस्था में 1600 करोड़ की पुल पुलिया के टेंडर में भी भारी गड़बड़ी किए जाने और कमिशन वसुली करने की बात उठने लगी है। जिसके लिए एक जनहित याचिका दायर करने की भी तैयारी की जा रही है। अवधेश कुमार वर्तमान में तीन पद पर कार्यरत हैं। अवधेश कुमार के लिए जल संसाधन विभाग और ग्रामीण कार्य विभाग किसी हद तक जा कर लाभ पहुंचाने और सुरक्षा देने के लिए प्रयासरत रहते देखे जा सकते हैं। अवधेश कुमार की नौवा पद सृजित करने और प्रोन्नति देने, अवधेश कुमार के लिए स्थापना समिति के अनुशंसा को बदलने जैसे गंभीर विषय उठाए जाने की चर्चा है।

बिरेंद्र राम ने अपना उतराधिकारी बनाया था अवधेश कुमार को।

सूत्रों के अनुसार टेंडर मैनेज करने और कमिशन वसुली के मामले में बीरेंद्र राम के रिहा होने पर अवधेश कुमार की परेशानी बढ़ गई है। बिरेंद्र राम ने अपना उतराधिकारी बनाया था अवधेश कुमार को, लेकिन गोपनीय जानकारी के अनुसार हिसाब किताब को लेकर भारी तनाव में हैं।

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