प्रशासन ने नदी किनारे बसे लोगों को किया अलर्ट, वैकल्पिक रास्ते से आवागमन की सलाह
गुवा संवाददाता।
सारंडा क्षेत्र में शुक्रवार से हो रही लगातार मूसलधार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। भारी बारिश के कारण कारों नदी का जलस्तर खतरनाक रूप से बढ़ गया है और अब यह उफान पर है। नदी के तेज बहाव ने गुवा से बड़ाजामदा को जोड़ने वाले बोकना स्थित लोहे के पुल को पूरी तरह जलमग्न कर दिया है, जिससे इस मार्ग पर आवागमन पूरी तरह ठप हो गया है।
बोकना पुल से ऊपर बह रहा है पानी
कारों नदी में आई बाढ़ से बोकना पुल के ऊपर से पानी बहने लगा है। यह पुल गुवा से बड़ाजामदा के बीच सबसे छोटा और प्रमुख मार्ग है, जिससे आम तौर पर अधिकांश वाहन और दोपहिया चलाते लोग गुजरते हैं। परंतु पुल डूब जाने से अब यह रास्ता बेहद खतरनाक हो गया है।
हाथी चौक होकर ही संभव है आना-जाना
वर्तमान में गुवा से बड़ाजामदा जाने के लिए वैकल्पिक मार्ग के रूप में हाथी चौक होकर जाने की सलाह दी जा रही है। हालांकि यह रास्ता बोकना मार्ग की तुलना में दो किलोमीटर लंबा है, लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से यही एकमात्र विकल्प बचा है।
प्रशासन ने जारी की चेतावनी
गुवा प्रशासन ने हालात की गंभीरता को देखते हुए कारों नदी के किनारे बसे लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। साथ ही यह अपील की गई है कि लोग नदी के ऊपरी हिस्सों में सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं ताकि किसी भी आपदा से बचा जा सके।
वाहन चालकों के लिए चेतावनी
गुवा–बोकना मार्ग से आवागमन करने वाले वाहन चालकों को विशेष सतर्कता बरतने की अपील की गई है। प्रशासन ने बोकना पुल से फिलहाल यात्रा न करने की सलाह दी है, क्योंकि पुल पर तेज बहाव के कारण किसी भी समय हादसे की आशंका बनी हुई है।
स्थानीय लोगों में चिंता का माहौल
लगातार हो रही बारिश और कारों नदी के उफान ने स्थानीय लोगों को चिंता में डाल दिया है। विशेष रूप से बोकना और कारों नदी किनारे रहने वाले लोग रातभर जागकर स्थिति पर नजर रख रहे हैं। वहीं ग्रामीणों ने प्रशासन से पुल पर सुरक्षा के लिए बैरिकेडिंग और साइनबोर्ड लगाने की मांग की है।
बारिश रुकने तक हालात बने रहेंगे गंभीर
मौसम विभाग के अनुसार क्षेत्र में अगले 24 से 48 घंटों तक मौसम में कोई खास सुधार की संभावना नहीं है। ऐसे में बोकना पुल और कारों नदी के किनारे रहने वालों के लिए अगले कुछ दिन चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं।
निष्कर्ष:
सारंडा क्षेत्र की बारिश ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि प्राकृतिक आपदाओं के प्रति सतर्कता ही सबसे बड़ा उपाय है। प्रशासन, स्थानीय लोगों और वाहन चालकों को इस स्थिति में संयम और सतर्कता बरतनी होगी ताकि कोई बड़ी दुर्घटना न हो।