रिपोर्ट : शैलेश सिंह।
झारखंड समूह की सभी खान इकाइयों में बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली अनिवार्य रूप से लागू करने के SAIL प्रबंधन के फैसले पर पैदा हुए विवाद को लेकर आज धनबाद में त्रिपक्षीय सुलह वार्ता आयोजित की गई। केंद्रीय उप मुख्य श्रम आयुक्त, धनबाद की मध्यस्थता में हुई इस बैठक में SAIL प्रबंधन, बोकारो स्टील वर्कर्स यूनियन (इंटक) और श्रम विभाग के अधिकारी शामिल रहे।
बायोमेट्रिक आदेश को यूनियन ने बताया तुगलकी फरमान
SAIL प्रबंधन ने 1 जुलाई 2025 से बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य करने का आदेश जारी किया था, जिसका बोकारो स्टील वर्कर्स यूनियन की चारों इकाइयों ने कड़ा विरोध किया। यूनियन पदाधिकारियों ने इस निर्णय को श्रमिक विरोधी और तुगलकी फरमान बताते हुए औद्योगिक विवाद दर्ज कराया था।
धनबाद में हुई पहली सुलह बैठक, दोनों पक्ष अड़े रहे अपने-अपने रुख पर
आज धनबाद में हुई बैठक में यूनियन की ओर से श्री नवल किशोर सिंह (उपाध्यक्ष), श्री तूफान घोष (जोनल सचिव, गुवा), श्री विद्युत सरकार (जोनल सचिव, किरिबुरु), श्री दीपक कुमार राम (जोनल सचिव), श्री बीरबल गुड़िया (ब्रांच सचिव, मेघाहातुबुरु) और श्री विशाल कुमार (जोनल सचिव, चिरिया) ने भाग लिया।
वहीं SAIL प्रबंधन की ओर से श्री धीरेन्द्र मिश्रा (मुख्य महाप्रबंधक, मानव संसाधन, झारखंड ग्रुप ऑफ माइंस), श्री विकास दयाल, श्री चन्दन घोष और श्री अमित विश्वास मौजूद रहे।
बैठक में यूनियन प्रतिनिधियों ने खदानों के प्रमाणित स्थायी आदेशों का हवाला देते हुए बायोमेट्रिक उपस्थिति लागू करने का विरोध दर्ज कराया। उनका कहना था कि खान मजदूरों पर NJCS समझौता थोप दिया गया है, जबकि उसमें खान प्रतिनिधियों का समुचित प्रतिनिधित्व नहीं है।
प्रबंधन ने NJCS समझौते का दिया हवाला, यूनियन ने किया खारिज
SAIL प्रबंधन ने 2012 के NJCS समझौते का उल्लेख करते हुए कहा कि बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली उसी के तहत लागू की जा रही है। मगर यूनियन का रुख स्पष्ट था कि खान मजदूरों के लिए NJCS समझौता बाध्यकारी नहीं है क्योंकि माइंस प्रतिनिधि उसमें शामिल नहीं होते।
यूनियन ने यह भी मांग की कि जब तक त्रिपक्षीय लिखित समझौता नहीं हो जाता, जिसमें यह तय हो कि बायोमेट्रिक लागू होने के बावजूद श्रमिकों के सभी पारंपरिक लाभ जारी रहेंगे, तब तक आदेश रद्द किया जाए।
SAIL प्रबंधन ने त्रिपक्षीय समझौते से किया इनकार
यूनियन की इस मांग पर SAIL प्रबंधन ने साफ इनकार कर दिया। प्रबंधन ने स्पष्ट किया कि वे इस संदर्भ में किसी प्रकार का त्रिपक्षीय समझौता नहीं करेंगे। इस पर यूनियन ने भी किसी समझौते या सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया।
अगली सुलह बैठक 6 अगस्त को होगी
केंद्रीय उप मुख्य श्रम आयुक्त ने दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद मामले को अगली सुलह बैठक के लिए स्थगित कर दिया। अब यह बैठक 6 अगस्त 2025 को धनबाद में आयोजित होगी।
यूनियन और प्रबंधन के बीच टकराव बरकरार
बातचीत के पहले दौर में किसी भी तरह की सहमति नहीं बन पाई। दोनों पक्ष अपनी-अपनी बातों पर अडिग नजर आए। यूनियन ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे आंदोलन का रास्ता भी अपना सकते हैं।
क्या है मामला?
SAIL प्रबंधन ने 1 जुलाई से झारखंड समूह की सभी खान इकाइयों में कर्मचारियों के लिए बायोमेट्रिक हाजिरी सिस्टम अनिवार्य कर दिया है। यूनियन इसे मजदूर विरोधी कदम बताते हुए रद्द करने की मांग कर रही है।
अब सबकी नजर 6 अगस्त को होने वाली अगली सुलह बैठक पर टिकी है, जिसमें यह तय होगा कि यह विवाद सुलझेगा या संघर्ष और तेज होगा।