सामाजिक कार्यों में रही सक्रिय, महिलाओं के उत्थान और नशाखोरी के खिलाफ लड़ी लंबी लड़ाई
रिपोर्ट : शैलेश सिंह।
मेघाहातुबुरु उत्तरी पंचायत के वार्ड संख्या 11 की वार्ड सदस्य जेमा मुंडा (पत्नी चन्द्रराम मुंडा उर्फ बुकलु) का आज सुबह करमपदा स्थित उनके पैतृक आवास में निधन हो गया। वे पिछले दो वर्षों से गंभीर बीमारी से जूझ रही थीं। लंबे समय तक इलाज चलने के बावजूद उनकी स्थिति में कोई सुधार नहीं हो पाया और अंततः आज सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर फैल गई है।
जेमा मुंडा सिर्फ एक जनप्रतिनिधि नहीं थीं, बल्कि एक समर्पित सामाजिक महिला कार्यकर्ता के रूप में भी जानी जाती थीं। उन्होंने विशेष रूप से महिलाओं के हक और अधिकार के लिए आवाज उठाई तथा गांव में नशाखोरी के खिलाफ अभियान चलाकर सारंडा क्षेत्र में नई मिसाल कायम की।
ग्रामीण विकास और महिला सशक्तिकरण के लिए योगदान
जेमा मुंडा ने अपने कार्यकाल में वार्ड के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण पहल कीं। ग्रामीण सड़कों की मरम्मत, पेयजल सुविधा, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए उन्होंने लगातार प्रशासनिक स्तर पर प्रयास किए।
उनकी अगुवाई में स्थानीय महिलाओं ने मिलकर शराबबंदी और अन्य नशाखोरी के खिलाफ व्यापक जनजागरण अभियान चलाया था। यह अभियान सारंडा के करमपदा और आसपास के गांवों में काफी सफल भी रहा था।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने जताया शोक
उनके निधन की खबर मिलते ही क्षेत्र के जनप्रतिनिधि, समाजसेवी और ग्रामीण बड़ी संख्या में उनके आवास पर पहुंचे और श्रद्धांजलि अर्पित की।
ग्रामीणों का कहना है कि जेमा मुंडा के जाने से पंचायत और विशेष रूप से महिलाओं के बीच एक बड़ी रिक्तता उत्पन्न हो गई है, जिसे भर पाना आसान नहीं होगा।
अंतिम संस्कार आज
परिवार वालों ने जानकारी दी कि जेमा मुंडा का अंतिम संस्कार आज गांव के श्मशान घाट में किया जाएगा।
गांव और समाज के लिए छोड़ गईं प्रेरणा
जेमा मुंडा के कार्य और संघर्ष आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनकर रहेंगे। उनकी सामाजिक सक्रियता और समर्पण हमेशा याद किया जाएगा।