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मजदूरों के मसीहा चंद्रशेखर दुबे नहीं रहे: गुवा इंटक में शोक की लहर, भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित

गुवा संवाददाता।

बोकारो स्टील वर्कर्स यूनियन के महामंत्री और इंटक के वरिष्ठ नेता स्वर्गीय चंद्रशेखर दुबे के आकस्मिक निधन की खबर से गुवा सहित पूरे मजदूर वर्ग में गहरा शोक छा गया है। उनके निधन से गुवा इंटक परिवार और मजदूर संगठनों में शोक की लहर दौड़ गई है।

बताया गया कि स्वर्गीय दुबे पिछले कुछ दिनों अस्वस्थ थे और दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। यह खबर जैसे ही गुवा पहुंची, इंटक कार्यालय सहित मजदूर संगठनों में सन्नाटा छा गया।

 


इंटक कार्यालय में आयोजित शोकसभा, मजदूरों ने दी श्रद्धांजलि

इंटक कार्यालय गुवा में उपाध्यक्ष दिलबाग सिंह की अध्यक्षता में एक शोकसभा का आयोजन किया गया, जिसमें स्वर्गीय दुबे को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

सभा को संबोधित करते हुए दिलबाग सिंह ने कहा:

“स्वर्गीय चंद्रशेखर दुबे सिर्फ यूनियन के नेता नहीं थे, बल्कि मजदूरों के अभिभावक थे। उन्होंने जीवनभर मजदूरों के हक और सम्मान के लिए संघर्ष किया। उनके जाने से जो खालीपन आया है, उसे भर पाना संभव नहीं। हम सब उनके सपनों को साकार करने का प्रयास करते रहेंगे।”


नेताओं और मजदूरों की उपस्थिति, पूरे गुवा में शोक का माहौल

शोकसभा में बड़ी संख्या में मजदूर और यूनियन पदाधिकारी शामिल हुए। मौके पर उपस्थित प्रमुख लोग:

  • विश्वजीत तांती
  • मंगलू साहू
  • अनूप नाग
  • कमलजीत सिंह
  • गुरुचरण
  • शंभू पूर्ती
  • मुकुंद बोसा
  • रामनाथ गोस्वामी
  • मार्शल
  • दीनबंधु
  • आकाश साहू
  • विनय पूर्ती

सभा के दौरान सभी ने दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।


नेताओं ने कहा: ‘दुबे जी के आदर्शों पर चलना ही सच्ची श्रद्धांजलि’

शोकसभा में वक्ताओं ने कहा कि चंद्रशेखर दुबे जैसे नेता समाज में विरले ही होते हैं। वे हमेशा मजदूरों की लड़ाई में आगे रहते थे।

सभा में यह भी संकल्प लिया गया कि:

“हम सभी मिलकर दुबे जी के अधूरे कार्यों को पूरा करने का प्रयास करेंगे और मजदूर हित में उनके द्वारा शुरू किए गए आंदोलनों को आगे बढ़ाएंगे।”


पूरा इंटक परिवार शोक में डूबा, लेकिन संकल्प के साथ आगे बढ़ने का वादा

स्वर्गीय चंद्रशेखर दुबे के जाने से गुवा और बोकारो स्टील वर्कर्स यूनियन में एक युग का अंत हो गया है। लेकिन उनके आदर्श और संघर्ष की गाथा सभी मजदूरों के दिलों में जीवित रहेगी।

ईश्वर से प्रार्थना है कि वह दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और उनके परिजनों को इस कठिन समय में धैर्य व साहस दे।

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