सेल में स्थानीयों को प्राथमिकता, विस्थापितों के पुनर्वास और मजदूर नेता रामा पांडे पर कार्रवाई की जांच की मांग
गुवा संवाददाता।
झारखंड मजदूर संघर्ष संघ द्वारा शुक्रवार की देर शाम यूनियन कार्यालय में एक विशेष बैठक आयोजित की गई, जिसमें मजदूरों, बेरोजगार युवाओं एवं ग्रामीणों की विभिन्न समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की गई। इस महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में जिला परिषद अध्यक्ष सह झामुमो महिला मोर्चा पश्चिमी सिंहभूम की जिला अध्यक्ष सुश्री लक्ष्मी सुरेन उपस्थित रहीं।
विस्थापितों के मुद्दे पर उठी तीखी आवाज
बैठक में गुवा बाजार क्षेत्र के विस्थापितों को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की गई। वक्ताओं ने मांग की कि सेल प्रबंधन द्वारा एक बार फिर से नए सिरे से सर्वे कराया जाए ताकि वास्तविक रूप से प्रभावित परिवारों की पहचान हो सके और उन्हें घर उपलब्ध कराया जा सके। वक्ताओं ने दो टूक कहा कि “पहले बसाओ, फिर विस्थापित करो” की नीति अपनानी होगी।
स्थानीय युवाओं को मिले रोजगार में प्राथमिकता
बैठक में इस बात पर भी जोर दिया गया कि सेल में होने वाली नई बहालियों में स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता दी जाए। यह मांग लंबे समय से उठती रही है लेकिन अब तक इस पर ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। झारखंड मजदूर संघर्ष संघ ने चेतावनी दी कि यदि स्थानीयों को रोजगार से वंचित किया गया तो आंदोलन तेज किया जाएगा।
खदान क्षेत्र में सुरक्षा पर जताई चिंता
बैठक में खदान क्षेत्रों में कार्यरत मजदूरों की सुरक्षा को लेकर भी गंभीर चिंता जताई गई। यूनियन पदाधिकारियों ने कहा कि आए दिन खदानों में दुर्घटनाएं हो रही हैं, जिससे मजदूरों की जान जोखिम में पड़ती है। सेल प्रबंधन को चाहिए कि वह मजदूरों के लिए सुरक्षित कार्य वातावरण सुनिश्चित करे और सुरक्षा उपायों को सख्ती से लागू करे।
मजदूर नेता रामा पांडे को लेकर विरोध
बैठक का सबसे भावनात्मक और तीखा मुद्दा मजदूर नेता रामा पांडे को लेकर रहा। झारखंड मजदूर संघर्ष संघ के केंद्रीय अध्यक्ष रामा पांडे को जिले से छह महीने के लिए बाहर किए जाने की कार्रवाई पर कड़ा ऐतराज जताया गया। वक्ताओं ने कहा कि रामा पांडे मजदूरों की आवाज हैं और उनकी निष्कासन की साजिश मजदूर आंदोलन को दबाने की साजिश है।
“यह मजदूरों की आवाज को कुचलने की कोशिश है, जिसकी हम कड़ी निंदा करते हैं। इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए,” वक्ताओं ने दोहराया।
संगठनात्मक विस्तार की भी हुई घोषणा
बैठक के अंत में संगठनात्मक विस्तार की घोषणा की गई। झारखंड मजदूर संघर्ष संघ के उप महामंत्री पदमा केसरी और प्रशांत चाम्पिया को संगठन सचिव नियुक्त किया गया। साथ ही यह स्पष्ट किया गया कि संगठन को और अधिक मजबूत और सक्रिय बनाया जाएगा।
बैठक में जुटी बड़ी संख्या में उपस्थिति
इस बैठक में यूनियन के कई प्रमुख पदाधिकारी एवं सदस्यगण उपस्थित थे। इनमें महामंत्री अंतर महाकुड़, इम्तियाज अंसारी, संजय सांडिल, राजेश यादव, राजेश सांडिल, जोर्ज तिर्की, किशोर सिंह, महिला उपाध्यक्ष चन्द्रिका खण्डाईत, आरती होरो सहित किरीबुरू और चिड़िया क्षेत्र के कई ठेका मजदूर और यूनियन के अधिकारी शामिल थे। बैठक में झामुमो के जिला कमेटी सदस्य रिमू बहादुर, मोहम्मद तबारक और नोवामुंडी प्रखंड अध्यक्ष दुर्गा देवगम भी मौजूद रहे।
संघ की चेतावनी: यदि मांगें पूरी नहीं हुईं तो होगा आंदोलन
बैठक के अंत में सभी ने एक स्वर में चेतावनी दी कि यदि विस्थापितों को न्याय नहीं मिला, स्थानीय युवाओं को रोजगार में प्राथमिकता नहीं दी गई और मजदूर नेताओं के साथ अन्यायपूर्ण कार्रवाई जारी रही तो झारखंड मजदूर संघर्ष संघ आंदोलन की राह पकड़ेगा। संघर्ष की भूमिका को और तेज किया जाएगा।