चाईबासा कोर्ट ने सुनाया ऐतिहासिक फैसला, ₹50,000 का जुर्माना भी लगाया गया
रिपोर्ट : शैलेश सिंह ।
पोक्सो एक्ट के तहत नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म के एक गंभीर मामले में चाईबासा की अदालत ने आरोपी को 21 वर्ष की कठोर सजा सुनाई है। यह फैसला चक्रधरपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत रूपड़ी गांव निवासी अभियुक्त रवि चन्द्र महतो, पिता गुरु प्रसाद महतो के विरुद्ध सुनाया गया। आरोपी ने वर्ष 2019 में एक नाबालिग बच्ची को शादी का झांसा देकर उसके साथ बलात्कार किया था।
मामला: शादी का झांसा देकर किया गया दुष्कर्म
यह मामला चक्रधरपुर थाना कांड संख्या 83/2019 के तहत दर्ज किया गया था, जिसमें भादवि की धारा 376(iii) तथा पॉक्सो एक्ट की धारा 06 के तहत अभियुक्त के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। घटना 09 जुलाई 2019 की है, जब पीड़िता के परिजनों द्वारा थाना में शिकायत दर्ज कराई गई थी।
वैज्ञानिक तरीके से हुआ अनुसंधान, सशक्त रहा अभियोजन पक्ष
अनुसंधान के क्रम में चाईबासा पुलिस द्वारा आरोपी रवि चन्द्र महतो को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया। पुलिस ने इस केस में वैज्ञानिक तकनीकों का उपयोग करते हुए सभी आवश्यक साक्ष्य जुटाए और पुख्ता आरोप पत्र न्यायालय में समर्पित किया।
अदालत ने माना गंभीर अपराध, सुनाई कठोर सजा
करीब छह वर्षों तक चले मुकदमे के बाद, 30 जून 2025 को माननीय अपर सत्र न्यायाधीश-द्वितीय, प. सिंहभूम, चाईबासा की अदालत ने आरोपी को दोषी करार देते हुए धारा 06 पोक्सो एक्ट के तहत 21 वर्ष की कठोर कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही अदालत ने आरोपी पर ₹50,000 का आर्थिक जुर्माना भी लगाया।
पुलिस और न्यायपालिका की तत्परता सराहनीय
इस केस में जिस प्रकार से पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए वैज्ञानिक तरीके से सबूत इकट्ठा किए और अभियोजन पक्ष ने ठोस पैरवी की, वह सराहनीय है। अदालत का यह फैसला न केवल पीड़िता को न्याय दिलाने वाला है, बल्कि यह समाज में एक सशक्त संदेश भी देता है कि नाबालिगों के खिलाफ अपराध को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।