विधायक दशरथ गागराई ने किया उद्घाटन, इको टूरिज्म के रूप में विकसित करने की योजना
सरायकेला संवाददाता ।
खूंटपानी प्रखंड के लोहरदा पंचायत अंतर्गत अरगुंडी गांव के सराईड टोला स्थित प्रसिद्ध प्राकृतिक स्थल ‘दुरदुर झरना’ को शनिवार को आमजन के लिए खोल दिया गया। इस सुंदर जलप्रपात का विधिवत उद्घाटन खरसावां विधायक श्री दशरथ गागराई ने फीता काटकर किया।
इस उद्घाटन के साथ ही दुरदुर झरना अब पर्यटकों के लिए प्रतिदिन सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक खुला रहेगा। स्थानीय लोगों में इस स्थल को लेकर काफी उत्साह देखा गया। उद्घाटन कार्यक्रम में भारी संख्या में ग्रामीण व क्षेत्रीय लोग शामिल हुए।
इको विकास समिति करेगी रख-रखाव
दुरदुर झरना और इसके आसपास के क्षेत्र की साफ-सफाई, रख-रखाव और पर्यावरण संरक्षण की जिम्मेदारी इको विकास समिति अरगुंडी को सौंपी गई है। समिति के सदस्य नियमित रूप से झरने की निगरानी करेंगे और पर्यटकों को आवश्यक दिशा-निर्देश देंगे।
पवित्र स्थल पर सख्त नियम लागू
इस धार्मिक व प्राकृतिक स्थल को पवित्र माना जाता है, इसलिए प्रशासन ने कुछ सख्त नियम भी लागू किए हैं:
- शराब या किसी भी प्रकार के नशीले पदार्थों का सेवन पूर्णतः वर्जित है। उल्लंघन करने पर ₹5,000 का जुर्माना लगाया जाएगा।
- कूड़ा-कचरा फैलाना प्रतिबंधित है। पर्यटकों से अनुरोध किया गया है कि वे स्थल की स्वच्छता बनाए रखें और प्लास्टिक का उपयोग न करें।
इको टूरिज्म के रूप में विकसित होगा दुरदुर झरना
विधायक दशरथ गागराई ने उद्घाटन के दौरान कहा कि “दुरदुर झरना पश्चिमी सिंहभूम के प्राकृतिक धरोहरों में एक अनमोल रत्न है। इसे इको टूरिज्म के रूप में विकसित करने के लिए हम हर संभव प्रयास करेंगे। इससे न सिर्फ पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।”
पर्यावरण व संस्कृति के प्रति जागरूकता
झरने को लेकर स्थानीय समुदाय में गहरी आस्था है। यह स्थल प्राकृतिक सुंदरता, शांत वातावरण और धार्मिक मान्यताओं के लिए जाना जाता है। उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने कहा कि आने वाले समय में यहां पर छोटे स्तर पर वनवासी हस्तशिल्प, खाद्य सामग्री व सांस्कृतिक गतिविधियाँ भी आयोजित की जा सकती हैं, जिससे पर्यटन और जीविका दोनों को बढ़ावा मिलेगा।
दुरदुर झरना अब सिर्फ एक जलप्रपात नहीं, बल्कि पश्चिमी सिंहभूम के पर्यटन मानचित्र पर एक उभरता हुआ प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक आकर्षण बन चुका है। प्रशासन, जनप्रतिनिधियों और स्थानीय समुदाय की भागीदारी से यह स्थान एक आदर्श इको टूरिज्म स्थल के रूप में विकसित हो सकेगा — ऐसी उम्मीद की जा रही है।