पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था के तहत सर्वसम्मति से हुआ चयन, बैठक में सैकड़ों ग्रामीणों की भागीदारी
मंझारी, पश्चिमी सिंहभूम:
राजस्व ग्राम नामाडीह-सारकाण्ड में रविवार को आयोजित ग्रामसभा के माध्यम से पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था के अंतर्गत सर्वसम्मति से मंगल हेम्ब्रम को नए ग्रामीण मुण्डा के रूप में चयनित किया गया। यह चयन भरभरिया पीढ़ के सीनियर मानकी चंद्र शेखर बिरुवा की अध्यक्षता में और अंचल कार्यालय मंझारी के निर्देश पर उपनिरीक्षक श्री संतोष कुमार दोराईबुरू की उपस्थिति में संपन्न हुआ।
मुण्डा हकूकनामा परिवार से हुआ चयन
ग्रामसभा में उपस्थित ग्रामीणों ने मुण्डा हकूकनामा परिवार के परंपरागत अधिकार के आधार पर सर्वसम्मति से मंगल हेम्ब्रम को गांव का मुण्डा चुना। यह चयन पारंपरिक आदिवासी स्वशासन प्रणाली के तहत हुआ, जो आदिवासी समाज की सामाजिक संरचना और सांस्कृतिक पहचान का अभिन्न अंग है।
बैठक में क्षेत्रीय मुण्डाओं और ग्रामीणों की भागीदारी
इस अवसर पर नगरकट्टा के मुण्डा भगवान उर्फ बबलू बिरूवा, बालकांड के मुण्डा महेन्द्र बिरूवा, सिंगराय हेम्ब्रम, जुरिया गागराई, यादव गागराई, हरिश लामाय, साधु हेम्ब्रम, सुमुति कुई, रामसिंह लामाय, सुमित्रा कुई, लेबा गागराई, प्रधान बानसिंह, सामु मुन्दुईया, विजय बोदरा, सिकुर बोदरा, माटा हेम्ब्रम, सिकुर मुन्दुईया सहित कई क्षेत्रीय मुण्डा, मानकी, गाँव के बुजुर्ग व महिलाएं उपस्थित थीं।
ग्रामसभा ने दी सामाजिक एकता की मिसाल
ग्रामसभा शांतिपूर्ण और सामूहिक सहमति के साथ आयोजित की गई, जिसमें सामाजिक एकता, परंपरा और सामूहिक निर्णय प्रक्रिया की झलक देखने को मिली। ग्रामीणों ने मंगल हेम्ब्रम के चयन पर संतोष जताते हुए उन्हें बधाई दी और विश्वास जताया कि वे अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी ईमानदारी और समर्पण से करेंगे।
अंचल प्रशासन की उपस्थिति में संपन्न हुई प्रक्रिया
अंचल कार्यालय मंझारी के उपनिरीक्षक श्री संतोष कुमार दोराईबुरू ने पूरी प्रक्रिया की निगरानी करते हुए इसे पारदर्शी और शांतिपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि “पारंपरिक स्वशासन की यह व्यवस्था लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ-साथ आदिवासी समाज की सांस्कृतिक समृद्धि का परिचायक है।”
इस अवसर पर ग्रामसभा ने यह भी संकल्प लिया कि भविष्य में भी परंपरागत संस्थाओं और आदिवासी पहचान को मजबूती देने के लिए एकजुट होकर कार्य किया जाएगा।