उपायुक्त नितिश कुमार सिंह ने जारी किए बहु-स्तरीय आपदा प्रबंधन के निर्देश, संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सतर्कता तेज
सरायकेला, 29 जून 2025:
लगातार हो रही भारी वर्षा और जलभराव की स्थिति को देखते हुए रायरंगपुर सिंचाई प्रमंडल, सिंहभूम द्वारा बैंकरा जलाशय से निर्धारित मात्रा में जल छोड़े जाने की सूचना जिला प्रशासन को दी गई है। यह निर्णय आईआईटी खड़गपुर की अनुशंसा पर लिया गया है। इस सूचना के साथ ही सरायकेला-खरसावां जिला प्रशासन अलर्ट मोड में आ गया है।
उपायुक्त-सह-जिला दण्डाधिकारी श्री नितिश कुमार सिंह ने संभावित आपदा जोखिम को भांपते हुए बहु-स्तरीय आपदा प्रबंधन प्रणाली को तत्काल प्रभाव से सक्रिय करने का निर्देश सभी कार्यपालक व तकनीकी इकाइयों को दिया है। उन्होंने एक व्यापक रणनीति के तहत विभागों को स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
संभावित जलप्लावित क्षेत्रों की निगरानी होगी तेज
बैंकरा जलाशय, स्वर्णरेखा/खरकई नदी और चांडिल डैम के आसपास के संभावित जलप्लावित क्षेत्रों की पहचान कर, वार रूम आधारित निगरानी तंत्र को सक्रिय किया जा रहा है। संवेदनशील इलाकों में ड्रोन, मोबाइल टीम और प्रशासनिक पर्यवेक्षण के माध्यम से त्वरित निगरानी प्रारंभ की जाएगी।
स्थानीय प्रशासनिक इकाइयों को किया गया सतर्क
सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी और नगर निकाय पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में माइकिंग, पर्चा वितरण, और चौकीदारों के माध्यम से आम जनता को जागरूक करें। दैनिक सेवकों के जरिये बाढ़ की चेतावनी और सुरक्षात्मक जानकारी समय रहते लोगों तक पहुंचाई जाएगी।
पेयजल संकट से निपटने के निर्देश
जल प्रदूषण की आशंका को देखते हुए जलापूर्ति एवं स्वच्छता विभाग को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं कि वे सुरक्षित पेयजल की वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित करें। प्रत्येक संवेदनशील क्षेत्र में पेयजल की नियमित जांच और आवश्यकतानुसार टैंकर अथवा फिल्टर यूनिट की व्यवस्था की जाएगी।
कृषि, पशुधन और मत्स्य संपदा को बचाने की रणनीति
कृषि, पशुपालन, मत्स्य एवं उद्यान विभागों को निर्देश दिया गया है कि वे फील्ड स्तर पर भ्रमण कर किसानों और पशुपालकों को तकनीकी सलाह व सहायता प्रदान करें ताकि संभावित क्षति को न्यूनतम किया जा सके।
स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह अलर्ट
सिविल सर्जन को निर्देशित किया गया है कि सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और अस्पतालों को आपातकालीन सेवा के लिए पूरी तरह तैयार रखा जाए। बाढ़ संभावित क्षेत्रों में मोबाइल मेडिकल यूनिट (MMU) और एम्बुलेंस तैनात करने की जिम्मेदारी तय कर दी गई है।
समन्वय और नियंत्रण तंत्र होगा और मजबूत
अपर उपायुक्त को जिला स्तरीय समन्वयक नियुक्त किया गया है, जो आपदा प्रबंधन की सभी इकाइयों के बीच त्वरित सूचना आदान-प्रदान और क्रियान्वयन की प्रक्रिया की निगरानी करेंगे।
राहत और पुनर्वास की तैयारी
उपायुक्त ने अनुमंडल पदाधिकारी एवं अंचलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे राहत केंद्रों को 24×7 संचालन के लिए तैयार रखें। साथ ही, जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि की स्थिति में नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने के लिए विशेष रणनीति बनाकर तैयार रहें।
जिला प्रशासन की इस सक्रियता ने यह स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी आपदा की स्थिति से निपटने के लिए पूरी व्यवस्था तैयार है। आमजनों से अपील की गई है कि वे अफवाहों से बचें, केवल प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों पर ध्यान दें और सहयोग बनाए रखें।