शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और कौशल विकास के क्षेत्र में आदिवासी बहुल इलाकों को प्राथमिकता देने की मांग
सरायकेला संवाददाता ।
खूंटी लोकसभा क्षेत्र के सांसद कालीचरण मुंडा ने सोमवार को जमशेदपुर स्थित टाटा स्टील कार्यालय में कंपनी के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (MD & CEO) श्री टीवी नरेंद्रन से शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर सांसद मुंडा ने अपने लोकसभा क्षेत्र की सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों पर विस्तृत चर्चा करते हुए टाटा स्टील से कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) के तहत सहयोग बढ़ाने की अपील की।
आदिवासी बहुल इलाकों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पर विशेष ज़ोर
सांसद मुंडा ने बताया कि खूंटी, सिमडेगा, खरसावां, तमाड़, तोरपा, कोलेबिरा, कुचाई और अड़की जैसे आदिवासी बहुल और दूरदराज प्रखंड आज भी शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, कौशल विकास और आधारभूत संरचना की दृष्टि से काफी पिछड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि क्षेत्र की भौगोलिक विषमता और ऐतिहासिक उपेक्षा के कारण यहां के युवाओं को रोजगार के लिए पलायन करना पड़ता है।
“आदिवासी कौशल विकास संस्थान” की स्थापना का सुझाव
सांसद ने टाटा स्टील से अनुरोध किया कि वह अपने CSR कार्यक्रम के तहत इन क्षेत्रों में शिक्षा केंद्र, छात्रावास, स्वास्थ्य सेवा और पेयजल योजनाएं प्रारंभ करे। उन्होंने विशेष रूप से “आदिवासी कौशल विकास संस्थान (Tribal Skill Development Institute)” की स्थापना का प्रस्ताव भी रखा, जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण मिल सके और उन्हें अपने ही क्षेत्र में आजीविका के साधन उपलब्ध हों।
टाटा स्टील ने दिया सहयोग का भरोसा
श्री टीवी नरेंद्रन ने सांसद की बातों को गंभीरता से सुना और कहा कि टाटा समूह झारखंड और खासकर आदिवासी समुदायों के सतत विकास के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रहा है। उन्होंने सांसद को भरोसा दिलाया कि कंपनी अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों के अंतर्गत यथासंभव सहयोग प्रदान करेगी और आगामी योजनाओं में खूंटी क्षेत्र को प्राथमिकता देने पर विचार करेगी।
झारखंड के आदिवासी विकास की दिशा में सकारात्मक पहल
यह बैठक खूंटी लोकसभा क्षेत्र ही नहीं, बल्कि समूचे झारखंड के जनजातीय क्षेत्रों के लिए एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है। सामाजिक क्षेत्र में टाटा समूह की सक्रिय भूमिका और सांसद मुंडा की पहल आने वाले दिनों में इन इलाकों के विकास को नई दिशा और गति दे सकती है।