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चाईबासा में ‘हॉट सीट’ की लड़ाई: विजय प्रकाश की पोस्टिंग के पीछे DMFT फंड की बड़ी साजिश!

सूत्रों के मुताबिक मंत्री, विभाग और विधायक तक को साधने में जुटा है ठेकेदार-विजय गठजोड़


चाईबासा प्रमंडल बना करोड़ों की योजनाओं का अखाड़ा

रिपोर्ट : शैलेश सिंह ।

झारखंड के लघु सिंचाई प्रमंडल चाईबासा में कार्यपालक अभियंता की कुर्सी इन दिनों ‘हॉट सीट’ बन चुकी है। वजह है – जिला में प्रतिवर्ष 50 करोड़ रुपये से अधिक की DMFT फंड की योजनाएं, जिनका आवंटन जिला स्तर पर होता है। यही वजह है कि इस कुर्सी पर बैठने के लिए विभागीय स्तर पर रसूख और पैसे का पूरा खेल चल रहा है।


विजय प्रकाश की दिलचस्पी क्यों सिर्फ चाईबासा में?

रांची प्रमंडल के वर्तमान कार्यपालक अभियंता विजय प्रकाश ने अपनी पोस्टिंग चाईबासा में कराने की रणनीति बना रखी है। सूत्रों की मानें तो वह चाईबासा में एक खास ठेकेदार के साथ मिलकर इस पूरी योजना को अमलीजामा पहनाने में लगे हैं। यह ठेकेदार चाहता है कि चाईबासा में DFMT योजनाओं की निविदाएं सिर्फ उसी के इशारे पर पास हों।


विधायक की सिफारिश, लेकिन बाकी जनप्रतिनिधियों की सहमति नहीं!

विजय प्रकाश की चाईबासा प्रमंडल में पोस्टिंग के लिए उक्त ठेकेदार ने जिले के एक प्रभावशाली विधायक से अनुशंसा पत्र दिलवाया है। हालांकि, बाकी विधायकों की सहमति अभी तक नहीं बन पाई है, जिस कारण मामला अधर में लटका है। सूत्रों का कहना है कि विधायक की सिफारिश के बावजूद विभागीय स्तर पर भी कई सवाल उठ रहे हैं।


मंत्री और विभाग को मैनेज करने की भी हो रही कोशिश!

सूत्रों के मुताबिक ठेकेदार-विजय गठजोड़ अब मंत्री और विभागीय अधिकारियों को भी पैसे के दम पर मैनेज करने की कोशिश में जुटा है। चर्चा यह भी है कि चाईबासा में पदस्थापित होने के बाद योजनाओं की बंदरबांट का खाका तैयार हो चुका है। पोस्टिंग से पहले ही ठेकेदार ने योजनाओं का बंटवारा कर दिया है, जिससे जिले के अन्य संवेदक बेहद आक्रोशित हैं।


भ्रष्टाचार की जाँच की मांग, शिकायत पहुंची मंत्रिमंडल निगरानी विभाग

विजय प्रकाश के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोपों को लेकर सामाजिक संगठनों द्वारा मंत्रिमंडल निगरानी विभाग में शिकायत दर्ज कराए जाने की भी चर्चा है। इन शिकायतों में बताया गया है कि उन्होंने पूर्व की पोस्टिंग में भी वित्तीय अनियमितताओं को अंजाम दिया है।


संवेदकों में नाराज़गी, उठ रहे सवाल

पोस्टिंग से पहले ही योजनाओं के ‘प्री-बंटवारे’ की चर्चा ने जिले के संवेदकों को चौंका दिया है। उनका मानना है कि यह पूरे सिस्टम का मखौल उड़ाने जैसा है। संवेदकों का कहना है कि अगर ऐसे ही मनमाने ढंग से पोस्टिंग और योजना आवंटन होंगे तो ईमानदार ठेकेदारों के लिए कोई जगह नहीं बचेगी।


चाईबासा सीट पर ‘बोली’ का खेल?

DMFT फंड की मोटी योजनाओं के कारण चाईबासा प्रमंडल कार्यपालक अभियंता की सीट पर बोली लगने की बात सामने आ रही है। सूत्रों का कहना है कि विजय प्रकाश की पोस्टिंग को लेकर पर्दे के पीछे लाखों की लेन-देन हो रही है। विभागीय अधिकारी भी इस दबाव से अनभिज्ञ नहीं हैं।


क्या वर्तमान कार्यपालक अभियन्ता टिक पाएंगे?

अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या वर्तमान कार्यपालक अभियंता ठेकेदारों के दबाव के आगे टिक पाएंगे? या फिर विजय प्रकाश के लिए रास्ता साफ कर दिया जाएगा?


निष्कर्ष: भ्रष्ट गठजोड़ बनाम प्रशासनिक ईमानदारी

चाईबासा प्रमंडल की ये पूरी कहानी एक बार फिर झारखंड में विभागीय पोस्टिंग के भ्रष्ट समीकरणों को उजागर कर रही है। विजय प्रकाश की पोस्टिंग को लेकर जो गतिविधियाँ सामने आ रही हैं, वो सिर्फ एक अफसर की महत्वाकांक्षा नहीं, बल्कि एक पूरे सिस्टम को अपने कब्जे में लेने की कोशिश का संकेत देती हैं।

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