गुआ (पश्चिमी सिंहभूम)।
सेल की गुआ लौह अयस्क खदान में रविवार शाम हुए दर्दनाक हादसे ने पूरे इलाके में कोहराम मचा दिया है। घटनास्थल पर हीं अनुभवी सेलकर्मी चरण पूर्ति की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि सोनु पुथाल, गोरांगो पुथाल और एक अन्य मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे की सूचना मिलते ही झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने अपने सभी कार्यक्रम तत्काल रद्द कर घटना स्थल का दौरा किया और सीधे गुआ पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया।

गुआ पहुंचने से पहले मधु कोड़ा टाटा स्टील के नोवामुंडी अस्पताल पहुंचे, जहां उन्होंने घायलों का हाल जाना, चिकित्सकों से बात की और पीड़ितों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की। तत्पश्चात वे गुआ लौटे और मृतक चरण पूर्ति के परिजनों से भेंट कर गहरा शोक जताया।
“सेल प्रबंधन मजदूरों की कब्रगाह बना रहा है गुआ खदान” – मधु कोड़ा का तीखा हमला
मधु कोड़ा ने मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए गुआ खदान प्रबंधन पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि सेल प्रबंधन की लापरवाही अब जानलेवा बन चुकी है। यह सिर्फ हादसा नहीं, योजनाबद्ध हत्या है। सुरक्षा मानकों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। कार्यस्थलों पर ना तो सुरक्षा अधिकारी रहते हैं और ना ही जरूरी उपकरण।
उन्होंने कहा, “जिस जगह मजदूर काम कर रहे हों, वहां अधिकारी नदारद रहते हैं, सुरक्षा व्यवस्था शून्य है और अनुभवहीन मजदूरों से खतरनाक काम कराया जा रहा है। यह सीधे-सीधे अपराध है।”
“बाल मजदूरी से लेकर हत्या तक सबकुछ दबा रहा है सेल प्रबंधन”
पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी खुलासा किया कि महज चार दिन पहले एक नाबालिग मजदूर कानुराम चाम्पिया को खदान में काम पर लगाकर उसे हादसे का शिकार बनाया गया। इस मामले को भी चुपचाप दबा दिया गया। उन्होंने कहा कि यह बाल मजदूरी का जघन्य मामला था, जिसमें सेल के अधिकारियों और ठेकेदार की मिलीभगत से बालक को मौत के मुंह में धकेला गया।

मधु कोड़ा ने सरकार और पुलिस-प्रशासन पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “जब सरकार खुद बाल मजदूरी के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाती है और उसी सरकार की नाक के नीचे यह घटना होती है, तो फिर भगवान ही मालिक है। पुलिस-प्रशासन ने नाबालिग की मौत पर आंख मूंद ली और आरोपियों को बचाने का काम किया। क्या यही है हमारी संवैधानिक व्यवस्था?” वर्तमान झारखंड की सरकार में सब कुछ अनैतिक कार्य संभव है।
“सीजीएम और ठेकेदार की हो गिरफ्तारी, हत्या का मुकदमा दर्ज हो”
पूर्व मुख्यमंत्री ने स्पष्ट तौर पर कहा कि इस पूरे मामले में सीजीएम, ठेकेदार और जिम्मेदार अधिकारियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज हो और उन्हें तत्काल गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए। उन्होंने कहा कि “गुआ खदान में अब मजदूरों की मौत का सौदा पैसे से किया जा रहा है।”
उन्होंने बताया कि कानुराम चाम्पिया के परिवार को ठेकेदार ने 30 लाख का फर्जी चेक थमाया, जो अब तक कैश नहीं हो रहा है। इसके साथ ही स्थायी नौकरी देने का वादा कर झूठे वादों में घेरकर परिवार को चुप कराने की साजिश रची जा रही है।
“घटना को दबाने में जुटी है पुलिस, पोस्टमार्टम आनन-फानन में कराया गया”
मधु कोड़ा ने बताया कि जब गुआ पुलिस को यह जानकारी मिली कि वे घटनास्थल पर पहुंचने वाले हैं, तब जल्दबाजी में मृतक का शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया, ताकि सच्चाई छिपाई जा सके। उन्होंने इसे प्रशासन की गैरजिम्मेदाराना और शर्मनाक हरकत बताया।
“अब चुप नहीं बैठेंगे, आंदोलन करेंगे” — कोड़ा की चेतावनी
पूर्व मुख्यमंत्री ने एलान किया कि यदि दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो वे व्यापक आंदोलन छेड़ेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि मजदूरों की जान से खिलवाड़ करने वालों को जेल की सलाखों के पीछे भेजकर ही दम लेंगे।
मजदूरों में आक्रोश, गुआ में उबाल
इस घटना के बाद गुआ क्षेत्र में मजदूरों में भारी आक्रोश है। वे लगातार खदान में बढ़ती दुर्घटनाओं और प्रबंधन की लापरवाही को लेकर आवाज उठा रहे हैं। लोगों का कहना है कि गुआ अब काम की जगह नहीं, बल्कि एक ‘मौत का कुआं’ बनता जा रहा है।