मानसिक रूप से अस्वस्थ युवती से जबरन दुष्कर्म का मामला, चाईबासा कोर्ट ने सुनाया फैसला
रिपोर्ट : शैलेश सिंह
सोनुआ थाना क्षेत्र के सारनोमडीह गांव में एक मानसिक रूप से अस्वस्थ युवती के साथ दुष्कर्म के मामले में चाईबासा जिला एवं सत्र न्यायाधीश-प्रथम की अदालत ने आज बड़ा फैसला सुनाया। अभियुक्त तूराम गगराई पिता काला पतोंर गगराई, निवासी सारनोमडीह, थाना-सोनुआ को 07 (सात) वर्ष की कठोर कारावास और ₹5000 के जुर्माने की सजा सुनाई गई है।
घटना का विवरण
घटना 27 अक्टूबर 2022 की है, जब दोपहर करीब 3 बजे पीड़िता मालीन गागराई, जो मानसिक रूप से अस्वस्थ है, अपने घर में अकेली थी। इसी दौरान गांव के ही तूराम गगराई ने जबरदस्ती उसके साथ दुष्कर्म किया। इस घटना के बाद पीड़िता के भाई शैलेश चंद्र गागराई ने सोनुआ थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के आधार पर कांड संख्या 45/2022, धारा 376(2)(L) भा.दं.वि. के तहत मामला दर्ज किया गया।
वैज्ञानिक तरीके से की गई जांच
चाईबासा पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी तूराम गगराई को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा। साथ ही सभी सबूतों को वैज्ञानिक तरीकों से एकत्र करते हुए आरोप पत्र माननीय न्यायालय में समर्पित किया गया।
न्यायालय का सख्त रुख
मामले की सुनवाई सत्रवाद संख्या 84/2023 के तहत की गई। आज दिनांक 20 जून 2025 को न्यायालय ने सभी साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर अभियुक्त को दोषी करार देते हुए सात साल की कठोर कैद और 5000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई।
संदेश
यह फैसला समाज में एक कड़ा संदेश देता है कि नारी सम्मान और सुरक्षा से समझौता करने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। चाईबासा पुलिस की तत्परता और न्यायपालिका की संवेदनशीलता से यह साबित होता है कि कानून के शिकंजे से अपराधी नहीं बच सकते।