मानकी लागुड़ा देवगम की अध्यक्षता में पारंपरिक व्यवस्था के तहत संपन्न हुई प्रक्रिया, प्रशासनिक निर्देशानुसार हुआ आयोजन
रिपोर्ट : शैलेश सिंह।
सारंडा क्षेत्र के लेम्ब्रे गांव में रविवार को एक विशेष ग्राम सभा का आयोजन किया गया, जिसमें पारंपरिक मानकी-मुंडा व्यवस्था के तहत लेबेया देवगम को सर्वसम्मति से गांव का नया मुंडा चयनित किया गया। यह आयोजन मानकी लागुड़ा देवगम की अध्यक्षता में, प्रशासनिक निर्देशानुसार किया गया।
मुंडा चयन की यह प्रक्रिया पूरी तरह पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार संपन्न की गई, जिसमें गांव के प्रबुद्ध जन, बुजुर्ग, महिला एवं युवा प्रतिनिधियों की उपस्थिति रही। विशेष ग्राम सभा में मौजूद ग्रामीणों ने एक स्वर में लेबेया देवगम को गांव का प्रतिनिधि चुना और उन्हें पारंपरिक अधिकार सौंपे।
सारंडा क्षेत्र में मानकी-मुंडा व्यवस्था लंबे समय से सामाजिक नेतृत्व एवं प्रशासनिक सहयोग की भूमिका निभाती रही है। यह व्यवस्था न केवल पारंपरिक न्याय और शांति व्यवस्था बनाए रखने का कार्य करती है, बल्कि सरकार और ग्रामीण समाज के बीच एक मजबूत सेतु का कार्य भी करती है।
गौरतलब है कि सरकार भी इन परंपरागत प्रतिनिधियों को प्रशासनिक अंग के रूप में मान्यता देती है और विभिन्न योजनाओं, जनहित कार्यों और विकास परियोजनाओं के क्रियान्वयन में इनकी अहम भूमिका रहती है।
नवनिर्वाचित मुंडा लेबेया देवगम ने अपने वक्तव्य में ग्रामवासियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वे गांव की भलाई, पारंपरिक मूल्यों की रक्षा और प्रशासनिक समन्वय में अपनी जिम्मेदारियों का पूरी निष्ठा से निर्वहन करेंगे।
इस अवसर पर कई गणमान्य ग्रामीण, क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि तथा समाजसेवी भी उपस्थित रहे और उन्होंने नई पीढ़ी को पारंपरिक व्यवस्थाओं के संरक्षण की प्रेरणा दी।
यह आयोजन ना सिर्फ पारंपरिक विरासत के सम्मान का प्रतीक रहा, बल्कि यह भी दर्शाता है कि आदिवासी समाज आज भी अपने सामाजिक ढांचे को आत्मगौरव और एकजुटता के साथ आगे बढ़ा रहा है।