मैट्रिक और इंटर उत्तीर्ण ग्रामीण छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा और भविष्य निर्माण के लिए मिला मार्गदर्शन
सरायकेला, संवाददाता ।
पश्चिम सिंहभूम जिला के खुंटपानी प्रखंड कार्यालय सभागार में सोमवार को ‘कैरियर गाइडेंस सह सम्मान समारोह 2025’ का भव्य आयोजन किया गया। इस एक दिवसीय कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र के नवउत्तीर्ण मैट्रिक और इंटर छात्र-छात्राओं को भविष्य की राह दिखाना और उन्हें शिक्षा, संघर्ष और आत्मनिर्भरता के महत्व से अवगत कराना था।
कार्यक्रम का आयोजन प्रखंड प्रमुख सिद्धार्थ होनहागा के मार्गदर्शन में तथा अधिवक्ता मधुसूदन बानरा के नेतृत्व में सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। मौके पर प्रशस्ति पत्रों का वितरण भी किया गया, जिससे छात्रों में आत्मविश्वास और उत्साह का संचार देखने को मिला।
शिक्षा ही जीवन की सबसे बड़ी पूंजी: अतिथियों का प्रेरणास्पद संबोधन
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित कुचाई के प्रखंड पदाधिकारी साधुचरण देवगम तथा उनकी धर्मपत्नी रिंकी दोराइबुरु (राजनीतिक विज्ञान की प्रवक्ता, कोल्हान विश्वविद्यालय) ने छात्र-छात्राओं को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि,
“मैट्रिक और इंटर के बाद छात्रों को विभिन्न शैक्षिक और व्यावसायिक क्षेत्रों में आगे बढ़ने के अवसर मिलते हैं, बशर्ते वे समय रहते सही दिशा में सोचें और प्रयास करें।”
इसी क्रम में खुंटपानी प्रखंड पदाधिकारी धनंजय पाठक एवं सरायकेला के एसडीपीओ समीर सावांया ने अपने जीवन के संघर्षों को साझा करते हुए छात्रों को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि
“हर परिस्थिति में आत्मबल बनाए रखते हुए सीमित संसाधनों में भी बड़ा सपना देखा जा सकता है। संघर्ष ही सफलता की असली कुंजी है।”
स्थानीय जनप्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बढ़ाया हौसला
जिला परिषद प्रतिनिधि बिरसा उर्फ कांडे तिउ, रामचंद्र गोप, सांसद प्रतिनिधि रेंगो पुरती तथा शिक्षक संजय जरिया ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने छात्रों से कहा कि
“जीवन में किसी भी मोड़ पर मदद की जरूरत हो तो वे निःसंकोच संपर्क करें, समाज के जिम्मेदार लोग हर समय सहयोग के लिए तत्पर रहेंगे।”
वहीं राजनीतिक कार्यकर्ता सुभद्रा बिरुआ ने छात्रों को राजनीतिक समझ विकसित करने की सलाह देते हुए कहा,
“अगर हमें अपने अधिकारों को समझना है और उनका संरक्षण करना है तो राजनीति की मूल समझ जरूरी है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि
“एक सामान्य चोर आपका मोबाइल या पर्स चुराता है लेकिन एक राजनीतिक चोर आपका भविष्य चुराता है। इसलिए इस चोर को पहचानने के लिए राजनीतिक शिक्षा बेहद ज़रूरी है।”
कानूनी क्षेत्र को भी बताया उज्ज्वल भविष्य का विकल्प
मानवाधिकार कार्यकर्ता एवं लॉ छात्र नारायण कांडेयांग ने छात्रों को कानून के क्षेत्र में करियर बनाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि
“आपमें से कोई भविष्य में वकील, न्यायाधीश या मानवाधिकार संरक्षक बन सकता है। देश की वर्तमान परिस्थितियों को बदलने की ज़िम्मेदारी अब आपकी पीढ़ी पर है।”
संचालन एवं समापन में दिखी शिक्षकों और प्रशासन की सक्रियता
कार्यक्रम का संचालन लिटिल हार्ट स्कूल की शिक्षिका सुश्री आशा बानरा ने कुशलता से किया। समापन सत्र में प्रखंड प्रमुख सिद्धार्थ होनहागा ने शिक्षा को संवैधानिक अधिकार बताते हुए उपस्थित सभी छात्र-छात्राओं, अभिभावकों एवं अतिथियों का आभार जताया। उन्होंने कहा,
“आज का यह मार्गदर्शन छात्रों के जीवन की दिशा बदलने वाला साबित हो सकता है। हमारा प्रयास रहेगा कि ऐसे आयोजन हर वर्ष हों।”
छात्रों, अभिभावकों और समाज के लिए बना प्रेरणा स्रोत
इस कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं के साथ अभिभावक, युवा सामाजिक कार्यकर्ता और हो फिल्म जगत से जुड़े कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। इसने साबित किया कि ग्रामीण क्षेत्र में भी शिक्षा, करियर और आत्मनिर्भरता को लेकर जागरूकता बढ़ रही है और सामूहिक प्रयासों से युवा पीढ़ी को नई दिशा देने का काम किया जा सकता है।
कार्यक्रम की सराहना करते हुए कई प्रतिभागियों ने कहा कि ऐसे आयोजनों से ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं में आत्मविश्वास का संचार होता है, और उन्हें अपने भविष्य के लिए सही मार्ग चुनने में मदद मिलती है।
निष्कर्ष:
‘कैरियर गाइडेंस सह सम्मान समारोह 2025’ ने यह सिद्ध कर दिया कि छात्रों को मार्गदर्शन देने वाले कार्यक्रम महज औपचारिकता नहीं, बल्कि जीवन की दिशा तय करने वाले महत्वपूर्ण पड़ाव होते हैं। ऐसे प्रयासों से न केवल शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि ग्रामीण भारत में भी आत्मनिर्भरता और नेतृत्व की नई पीढ़ी तैयार होगी।