गुआ थाना क्षेत्र के नुईया गांव में खूनी संघर्ष, आरोपी गालू चाम्पिया गिरफ्तार, पहले भी कर चुका है हमला
गुआ (पश्चिम सिंहभूम)। संवाददाता
गुआ थाना अंतर्गत नुईया गांव सोमवार की दोपहर उस समय सनसनी फैल गई जब भूमि विवाद में चचेरे भाई ने ही वार्ड सदस्य पर तीर से जानलेवा हमला कर दिया। घटना में वार्ड सदस्य सोमनाथ चाम्पिया गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। हमलावर का नाम गालू चाम्पिया है, जो पीड़ित का चचेरा भाई बताया जा रहा है।
हमले में सोमनाथ के पीठ, जांघ और हाथ में तीन तीर लगे। हाथ व जांघ में लगे तीर शरीर को भेदते हुए पार हो गए, जबकि पीठ में लगा तीर शरीर में फंसा रहा। गंभीर हालत में उन्हें सेल की गुआ अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने तीर निकालने में सफलता पाई। फिलहाल उनकी स्थिति खतरे से बाहर बताई जा रही है।
अचानक हुआ हमला, जान बचाकर अस्पताल पहुंचे
घायल सोमनाथ चाम्पिया ने बताया कि हमले से पहले उसका गालू चाम्पिया से किसी प्रकार की बहस या विवाद नहीं हुआ था। वह अचानक तीर-धनुष लेकर आया और हमला कर दिया। सोमनाथ के अनुसार, गालू की मंशा स्पष्ट तौर पर हत्या करने की थी।
जमीन विवाद है हमले की पृष्ठभूमि
घटना के बाद गांव के मुंडा दुरसु चाम्पिया ने बताया कि दोनों भाइयों के बीच पुराना जमीन विवाद चला आ रहा है। इससे पहले भी गालू चाम्पिया धारदार हथियार से सोमनाथ पर हमला करने की कोशिश कर चुका है, जिसमें सोमनाथ बाल-बाल बच गया था।
पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार, बरामद हुआ तीर-धनुष
घटना की सूचना मिलते ही गुआ थाना पुलिस त्वरित कार्रवाई करते हुए गालू चाम्पिया को तीर-धनुष के साथ गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है और मामले की गंभीरता से जांच में जुट गई है।
घायल वार्ड सदस्य को मिला प्रशासनिक सहयोग
गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद वार्ड सदस्य सोमनाथ चाम्पिया ने हिम्मत दिखाते हुए आसपास के लोगों को खुद घटना की जानकारी दी, जिसके बाद उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया।
ग्रामीणों ने प्रशासन से हमलावर को सख्त सजा देने की मांग की है। घटना ने यह एक बार फिर साबित कर दिया कि भूमि विवाद ग्रामीण क्षेत्रों में गंभीर हिंसा का कारण बन रहा है, और समय रहते समाधान नहीं होने पर जानलेवा रूप ले सकता है।
निष्कर्ष: पारिवारिक विवाद बनता जा रहा है रक्तरंजित संघर्ष
नुईया गांव की यह घटना पारिवारिक विवादों की चरम परिणति का उदाहरण है, जहां आपसी जमीन विवाद हत्या की कोशिश में तब्दील हो गया। प्रशासन को चाहिए कि वह न सिर्फ आरोपी को कड़ी सजा दिलाए, बल्कि गांव में भूमि विवादों को सुलझाने के लिए मध्यस्थता तंत्र को सक्रिय करे, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न दोहराई जाएं।