सरायकेला संवाददाता।
प्रधानमंत्री जनजातीय सशक्तिकरण योजना (PM JANMAN) के तहत सरायकेला-खरसावां जिले के चांडिल प्रखंड अंतर्गत मतकमडिह गांव में स्थापित वनधन विकास केंद्र (VDVK) का 14 जून 2025 को भारत सरकार के संयुक्त सचिव द्वारा औचक निरीक्षण किया गया। यह केंद्र विशेष रूप से पाहाड़िया जनजाति समुदाय की महिलाओं के आर्थिक स्वावलंबन और आजीविका संवर्धन के उद्देश्य से संचालित किया जा रहा है।
निरीक्षण के दौरान अधिकारियों की रही उपस्थिति
इस अवसर पर आईटीडीए निदेशक एवं उप विकास आयुक्त सरायकेला-खरसावां, प्रखंड विकास पदाधिकारी, जेएसएलपीएस से बीपीएम, एफटीसी, सीसी, और वनधन केंद्र की पाहाड़िया समुदाय की अनेक महिलाएं (दिदियां) मौजूद थीं। सभी ने संयुक्त सचिव का पारंपरिक ढंग से स्वागत किया और केंद्र की गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी।
संयुक्त सचिव ने की समुदाय से सीधी बातचीत
निरीक्षण के दौरान संयुक्त सचिव ने वनधन केंद्र में कार्यरत पाहाड़िया समुदाय की महिलाओं से संवाद स्थापित किया। उन्होंने साल पत्ता से दोना, पत्तल निर्माण की प्रक्रिया, उसकी प्रोसेसिंग और बाजार तक पहुंच की चुनौतियों पर चर्चा की। महिलाओं ने बताया कि उन्हें प्रशिक्षण और उपकरण तो प्राप्त हो चुके हैं, परंतु स्थायी बाजार और बेहतर मूल्य अब भी एक बड़ी चुनौती बना हुआ है।
प्रशिक्षण और तकनीकी सहयोग का आश्वासन
संयुक्त सचिव ने महिलाओं को भरोसा दिलाया कि केंद्र सरकार उनके उत्पादों की ब्रांडिंग, पैकेजिंग और मार्केटिंग में हरसंभव सहायता करेगी। उन्होंने वन उत्पादों की मूल्य संवर्धन (Value Addition) पर भी जोर दिया और कहा कि सरकार का उद्देश्य केवल उत्पादन तक सीमित नहीं, बल्कि बाजार आधारित सशक्तिकरण सुनिश्चित करना है।
जनजातीय महिलाओं की भागीदारी पर विशेष फोकस
संयुक्त सचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री जनमन योजना के माध्यम से जनजातीय समुदायों, विशेषकर अति पिछड़ी जनजातियों को मुख्यधारा में लाने का प्रयास किया जा रहा है। वनधन केंद्र इसी दिशा में एक कारगर मॉडल है, जहां परंपरागत ज्ञान और आधुनिक तकनीक को जोड़कर आजीविका के अवसर बनाए जा रहे हैं।
इस निरीक्षण के माध्यम से स्पष्ट हुआ कि केंद्र और राज्य सरकारें संयुक्त रूप से जनजातीय समुदायों को सशक्त बनाने के लिए जमीनी स्तर पर गंभीर प्रयास कर रही हैं। पाहाड़िया समुदाय की महिलाओं की सक्रिय भागीदारी और समर्पण ने इस प्रयास को और भी प्रभावशाली बना दिया है।