दुर्घटना में मौत के बाद उग्र हुए ग्रामीण और मजदूर संगठन, शव को गेट पर रखकर प्रदर्शन, जब तक मांगें नहीं मानी जाएंगी, अंतिम संस्कार नहीं
गुआ / किरीबुरु, पश्चिमी सिंहभूम।
सेल की गुआ खदान में ठेका मजदूर की दर्दनाक मौत के बाद शुक्रवार को गुआ और आसपास के इलाकों में आक्रोश भड़क गया। ठकुरा गांव निवासी मृतक मजदूर कानू चाम्पिया की मौत के विरोध में ग्रामीणों और मजदूर संगठनों ने शव के साथ गुआ जनरल ऑफिस का घेराव कर दिया। प्रदर्शनकारी 50 लाख रुपये मुआवजा और मृतक के परिजन को स्थायी नौकरी देने की मांग पर अड़े हुए हैं। उन्होंने एलान किया है कि जब तक सेल प्रबंधन द्वारा स्पष्ट घोषणा नहीं की जाती, तब तक शव को अंतिम संस्कार के लिए नहीं उठाया जाएगा।

प्रदर्शनकारियों ने पहले गुआ अस्पताल परिसर में विरोध प्रदर्शन किया और फिर शव को कंधे पर उठाकर जनरल ऑफिस गेट के सामने रख दिया, जहां धरना-प्रदर्शन की शुरुआत की गई। जनरल ऑफिस के बाहर शव के साथ बैठे ग्रामीणों और मजदूरों ने जोरदार नारेबाजी की।
शव के साथ धरना, जनरल ऑफिस का घेराव
प्रदर्शनकारियों में मृतक के परिजन, स्थानीय ग्रामीण और मजदूर संगठनों के नेता शामिल हैं। सभी की मांग है कि मृतक के परिवार को तत्काल आर्थिक सहायता के रूप में 50 लाख रुपये मुआवजा दिया जाए और एक सदस्य को सेल में स्थायी नौकरी दी जाए। ग्रामीणों ने कहा कि खदान में ठेका मजदूरी कर जान गंवाने वाले कानू चाम्पिया की मौत पर सिर्फ संवेदना नहीं, ठोस मदद चाहिए।
जनरल आफिस का गेट को धक्का मार, सीआईएसएफ जवानों को ठेलते जनरल आफिस में घुसे आंदोलनरी।
शव के साथ आंदोलन कर रहे ग्रामीण व मजदूरों ने आंदोलन के दो घंटे बाद तक प्रबंधन की तरफ से कोई जबाब या वार्ता करने नहीं आया तो गेट का ताला तोड़ नारेबाजी करते जनरल आफिस में घूस गये। जनरल आफिस में सीजीएम व अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठे इस मामले में अपने उच्च अधिकारियों से वार्ता कर रहे थे। स्थिति काफी तनावपूर्ण बनी हुई है। सीआईएसएफ जवानों के नियंत्रण से बाहर हो चुकी है। अब देखना है आगे क्या होगा !

निर्माण कार्य के दौरान हुआ हादसा मृतक कानू चाम्पिया (पिता- चोन्द्रो चाम्पिया), ग्राम ठकुरा निवासी, गुआ खदान के जीरो प्वाइंट एरिया में चल रहे एक नए भवन निर्माण कार्य में ठेका मजदूर के रूप में काम कर रहा था। शुक्रवार सुबह लगभग साढ़े नौ बजे कार्यस्थल पर गंभीर दुर्घटना घटित हुई, जिसमें वह बुरी तरह घायल हो गया। उसे तत्काल गुआ अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
गांव में मातम, मृतक परिवार बेसहारा
मौत की खबर मिलते ही ठकुरा गांव में कोहराम मच गया। मृतक के पिता की स्थिति अत्यंत दयनीय हो गई है। गांव वालों का कहना है कि कानू चाम्पिया ही परिवार का एकमात्र कमाऊ सदस्य था और उसकी असमय मौत से पूरा परिवार आर्थिक संकट में आ गया है।
प्रदर्शनकारियों की मांगें स्पष्ट:
- मृतक के परिजन को सेल में स्थायी नौकरी दी जाए
- 50 लाख रुपये का मुआवजा तत्काल दिया जाए
- ठेका मजदूरों के लिए कार्यस्थल पर सुरक्षा मानकों को कड़ाई से लागू किया जाए
- दुर्घटना की उच्चस्तरीय जांच हो
सेल प्रबंधन की चुप्पी से बढ़ा आक्रोश
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सेल प्रबंधन हर बार हादसे के बाद खानापूरी करता है। लेकिन इस बार चुप नहीं बैठेंगे। जब तक ठोस लिखित आश्वासन नहीं मिलता, आंदोलन खत्म नहीं किया जाएगा।
मजदूर संगठनों की चेतावनी
मजदूर संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर मांगें नहीं मानी गईं, तो गुआ खदान में व्यापक आंदोलन छेड़ा जाएगा। मजदूरों ने यह भी आरोप लगाया कि खदानों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी आम बात हो गई है और ठेका मजदूरों की जिंदगी सस्ती हो गई है।
स्थिति संवेदनशील, सुरक्षा बढ़ाई गई
स्थिति की संवेदनशीलता को देखते हुए जनरल ऑफिस परिसर में सीआईएसएफ की तैनाती बढ़ा दी गई है। प्रशासन पूरे घटनाक्रम पर नजर रखे हुए है। अगर वार्ता से हल नहीं निकला तो मामला और अधिक गंभीर रूप ले सकता है।