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आपदा राहत में तेजी लाने की कवायद: सरायकेला में उपायुक्त की अध्यक्षता में जिला आपदा प्रबंधन समिति की बैठक सम्पन्न

 

61 आपदा प्रभावित मामलों की जांच के बाद अनुग्रह अनुदान राशि शीघ्र स्वीकृत करने का निर्देश, पंचायत स्तर तक जागरूकता अभियान चलाने पर जोर

सरायकेला-खरसावां | 06 जून 2025

जिले में प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित लोगों को शीघ्र राहत पहुंचाने की दिशा में प्रशासनिक स्तर पर सक्रियता दिखाई दी है। जिला दंडाधिकारी-सह-उपायुक्त श्री नितिश कुमार सिंह की अध्यक्षता में शुक्रवार को जिला स्तरीय आपदा प्रबंधन समिति की महत्वपूर्ण बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सम्पन्न हुई।

बैठक में पुलिस अधीक्षक श्री मुकेश लूणायत, उप विकास आयुक्त-सह-परियोजना निदेशक आईटीडीए श्री आशीष अग्रवाल, अपर उपायुक्त श्री जयवर्धन कुमार, अनुमंडल पदाधिकारी (सरायकेला व चांडिल) और सभी अंचलाधिकारी उपस्थित रहे।

61 मामलों की समीक्षा, सभी को मिल सकता है मुआवजा

बैठक में अपर उपायुक्त श्री जयवर्धन कुमार ने आपदा से संबंधित विभिन्न मामलों की जानकारी प्रस्तुत करते हुए बताया कि जिले में अब तक कुल 61 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इन मामलों में सड़क दुर्घटना (15), वज्रपात (2), पानी में डूबना (5), अतिवृष्टि (37) और अग्निकांड (1) शामिल हैं। सभी आवेदनों के साथ अनिवार्य दस्तावेज संलग्न किए गए हैं।

बैठक में सदस्यों द्वारा बिंदुवार चर्चा के बाद उपायुक्त ने निर्देश दिया कि सभी वैध आवेदनों का शीघ्र सत्यापन कर अनुग्रह अनुदान राशि स्वीकृत की जाए ताकि प्रभावित परिवारों को शीघ्र राहत दी जा सके।

दस्तावेजी प्रक्रिया 15 दिनों में पूर्ण करने का निर्देश

उपायुक्त श्री सिंह ने स्पष्ट निर्देश दिए कि आपदा सहायता से संबंधित मामलों में दस्तावेज तैयार करने की प्रक्रिया 15 दिनों के भीतर पूर्ण की जाए। उन्होंने कहा कि किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और सभी संबंधित विभाग इस कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दें।

पंचायत स्तर पर योजना का प्रचार-प्रसार और जागरूकता अभियान

बैठक के दौरान उपायुक्त ने यह भी निर्देश दिया कि जिला आपदा प्रबंधन से संबंधित योजनाओं का पंचायत स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाए ताकि जरूरतमंद परिवार समय पर सरकारी सहायता प्राप्त कर सकें। उन्होंने कहा कि आम जन को “आपदा के समय क्या करें और क्या न करें” विषयक जानकारी देना अति आवश्यक है।

इसके लिए विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों और विद्यालयों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने का निर्देश दिया गया, जिससे भविष्य में होने वाली आपदाओं के समय आम जनता सजग और सुरक्षित रह सके।

सभी अंचलाधिकारियों को किया गया सतर्क

बैठक में उपस्थित अंचलाधिकारियों को विशेष रूप से निर्देशित किया गया कि वे अपने-अपने अंचलों में प्राप्त आवेदनों की प्राथमिकता के आधार पर जांच कराएं और राहत प्रक्रिया में अनावश्यक देरी न होने दें।

निष्कर्ष : राहत नहीं, राहत की गारंटी चाहिए

प्रशासन की यह बैठक इस बात का संकेत है कि अब आपदा राहत महज कागजी खानापूर्ति नहीं रह जाएगी, बल्कि जमीनी स्तर पर पीड़ितों तक त्वरित मदद पहुंचाने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। अगर निर्देशों का सही क्रियान्वयन हुआ, तो यह बैठक जिले के सैकड़ों पीड़ितों के लिए संजीवनी साबित हो सकती है।

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