सीमेंट फैक्ट्री से उड़ रही धूल बनी पर्यावरण प्रदूषण का कारण, ग्रामीणों ने जताई चिंता
सरायकेला, संवाददाता :
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर खरसावां प्रखंड अंतर्गत सिमला गांव में श्रमिक महिला संगठन की ओर से जागरूकता अभियान और पौधरोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। संगठन की सैकड़ों महिलाओं ने गांव में पेड़ लगाकर पर्यावरण संतुलन का संदेश दिया और रैली निकाल कर ग्रामीणों को पेड़ लगाने के लिए प्रेरित किया।
संगठन की अध्यक्ष आलोचना दीदी ने मौके पर कहा,
“अगर हम एक पेड़ काटते हैं, तो उसके बदले कम से कम पांच पेड़ जरूर लगाएं। बिना पेड़-पौधों के जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। यह हमारी साँसों का सहारा हैं।”
रैली के माध्यम से ग्रामीणों को यह संदेश दिया गया कि पेड़ न केवल ऑक्सीजन प्रदान करते हैं, बल्कि जलवायु असंतुलन, गर्मी, धूल, और भू-क्षरण जैसी समस्याओं को भी कम करने में सहायक होते हैं।
सीमेंट फैक्ट्री से उड़ती धूल बनी पर्यावरण के लिए खतरा
कार्यक्रम के दौरान श्रमिक महिला संगठन की सदस्य शांति बदिया ने श्री झारखंड सीमेंट की ओर इशारा करते हुए कहा,
“सीमेंट से उड़ रही डस्ट की वजह से पर्यावरण बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। खेतों, पानी, सब्जियों, और यहां तक कि हवा में भी धूल जम रही है। इससे बीमारियों का खतरा लगातार बढ़ रहा है।”
उन्होंने फैक्ट्री प्रबंधन और प्रशासन से मांग की कि पर्यावरण मानकों का पालन सुनिश्चित कराया जाए और आसपास के गांवों की स्थिति की गंभीरता से समीक्षा की जाए।
‘एक पेड़ सौ जीवन के बराबर’ – लोकहित संस्था का संदेश
लोकहित संस्था के सचिव अंगूर महतो ने कहा,
“एक पेड़ सौ जीवन के बराबर होता है। आज जब ग्लोबल वार्मिंग, जल संकट और वायु प्रदूषण जैसी समस्याएं दिन-ब-दिन विकराल रूप ले रही हैं, तब पेड़ लगाना ही एकमात्र समाधान है। पेड़ न सिर्फ जीवनदायिनी ऑक्सीजन देते हैं, बल्कि हमें फल, फूल, जड़ी-बूटियां और लकड़ी भी प्रदान करते हैं।”
उन्होंने ग्रामीणों से आग्रह किया कि वे अपने घरों के आसपास अधिक से अधिक पौधे लगाएं ताकि आने वाली पीढ़ियों को एक स्वच्छ और संतुलित पर्यावरण मिल सके।
संकल्प और सहभागिता की मिसाल बनीं महिलाएं
इस आयोजन के दौरान गांव की महिलाओं ने न सिर्फ पेड़ लगाए बल्कि पर्यावरण संरक्षण के लिए सामूहिक संकल्प भी लिया। रैली के दौरान “पेड़ लगाओ, पर्यावरण बचाओ”, “स्वच्छ हवा, सबका हक”, “प्रदूषण हटाओ, जीवन बचाओ” जैसे नारों से गांव की गलियां गूंज उठीं।
इस मौके पर मुख्य रूप से लोकहित संस्था के सचिव अंगूर महतो, कुंती बहन, आलोचना दीदी, शांति बदिया, अंजू मुर्मू, धनेश्वरी अमला, लक्ष्मी गुदूवां, अर्जुन साहू समेत बड़ी संख्या में महिलाएं और ग्रामीण उपस्थित थे।