मुख्य मार्ग की बदहाल हालत ने ग्रामीणों का जीना किया मुश्किल
विशेष संवाददाता
मझगांव विधानसभा क्षेत्र के मझारी प्रखंड अंतर्गत पुटूसिया से बड़ा लगड़ा को जोड़ने वाली मुख्य सड़क का निर्माण कार्य बीते दो वर्षों से अधर में लटका हुआ है। सड़क की जर्जर हालत के कारण आसपास के दर्जनों गांवों के हजारों लोग रोजाना भारी परेशानी झेलने को मजबूर हैं। बरसात में यह मार्ग कीचड़ और जलभराव से इतना बदहाल हो जाता है कि पैदल चलना भी जोखिम भरा हो जाता है।
नेता आए, वादे किए, लेकिन काम नहीं हुआ
ग्रामीणों का कहना है कि हर चुनाव के समय नेता इस सड़क को प्राथमिकता देने का वादा करते हैं, लेकिन आज तक एक ईंट भी नहीं रखी गई। पुटूसिया गांव के बुजुर्ग निवासी लक्ष्मण होनहागा कहते हैं, “दो साल से सिर्फ सुन रहे हैं कि सड़क बनेगी, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है। बच्चों की स्कूल में पढ़ाई हो या मरीजों की अस्पताल तक पहुंच—सब कुछ ठप है।”
भाजपा नेता बड़कुंवर गागराई ने उठाया सवाल, डीसी से मांगा जवाब
झारखंड भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष और राज्य सरकार के पूर्व मंत्री बड़कुंवर गागराई ने इस मुद्दे को एक बार फिर जोरशोर से उठाया है। उन्होंने पथ निर्माण विभाग से कई बार अनुरोध किया था कि इस बहुप्रतीक्षित सड़क पर निर्माण कार्य शुरू कराया जाए। परंतु अब तक कोई ठोस पहल नहीं होने से उन्होंने जिला उपायुक्त, पश्चिम सिंहभूम को सार्वजनिक मंच—ट्विटर—के जरिए जवाबदेह ठहराया।
उनका ट्वीट था,
“पुटूसिया से बड़ा लगड़ा सड़क निर्माण कार्य वर्षों से लंबित है। क्या इसकी वजह फंड की कमी है या कोई प्रशासनिक बाधा? कृपया स्थिति स्पष्ट करें और जनता को भरोसा दें।”
ग्रामीण बोले – अब वादा नहीं, कार्रवाई चाहिए
स्थानीय लोगों का आक्रोश अब उबाल पर है। युवा संगठन और पंचायत प्रतिनिधियों का कहना है कि अब केवल प्रशासनिक बयानबाजी से काम नहीं चलेगा। ग्रामसभा की बैठकों में बार-बार यह प्रस्ताव पारित किया गया कि सड़क निर्माण तुरंत शुरू किया जाए, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही।
पुटूसिया के युवक नेता ने कहा,
“हमने शांतिपूर्ण तरीके से बहुत बार आवाज उठाई। अब अगर काम नहीं हुआ, तो हम सड़क जाम और धरना प्रदर्शन करेंगे।”
स्कूल, बाजार और अस्पताल तक पहुंचना बना दूभर
यह सड़क न केवल गांवों को जोड़ती है, बल्कि बच्चों के स्कूल, साप्ताहिक हाट और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचने का एकमात्र साधन भी है। जर्जर सड़क से न केवल स्कूली बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है, बल्कि ग्रामीणों को सब्जी, अनाज और अन्य जरूरी सामान लाने में भी मुश्किल होती है।
महिला समिति की सदस्य बताती हैं,
“एक महिला को प्रसव पीड़ा होने पर खटिया पर तीन किलोमीटर तक उठाकर लाना पड़ा। क्या यही विकास है?”
प्रशासन की चुप्पी सवालों के घेरे में
अब तक न तो जिला प्रशासन और न ही पथ निर्माण विभाग ने कोई स्पष्ट जानकारी या बयान जारी किया है कि निर्माण कार्य क्यों रुका हुआ है। आम जनता जानना चाहती है कि यदि बजट, तकनीकी बाधा या ठेकेदार से संबंधित कोई मामला है तो उसे सार्वजनिक क्यों नहीं किया जा रहा?
जनता की मांग है कि प्रशासन सामने आए और बताएं कि इस काम में अब तक देरी क्यों हो रही है।
क्या अब टूटेगी चुप्पी? प्रशासन के रवैये पर निगाहें टिकीं
पूर्व मंत्री बड़कुंवर गागराई के ट्वीट और जनता के बढ़ते आक्रोश के बाद अब निगाहें जिला प्रशासन पर टिकी हैं। लोगों को उम्मीद है कि अब प्रशासन इस मांग को गंभीरता से लेगा और सड़क निर्माण की प्रक्रिया को जल्द शुरू कराएगा।
लेकिन सवाल यही है – कब?
जब तक जवाब नहीं मिलता और काम शुरू नहीं होता, तब तक पुटूसिया से बड़ा लगड़ा तक की ये बदहाल सड़क ग्रामीणों के लिए एक संघर्ष बनी रहेगी।