तंबाकू के खिलाफ जनजागरण का संदेश लेकर सड़कों पर उतरे सैकड़ों लोग, स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बताए तंबाकू से होने वाले घातक प्रभाव
रिपोर्ट : शैलेश सिंह ।
विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर नोआमुंडी में व्यापक स्तर पर जन-जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर टाटा स्टील ओएमक्यू डिवीजन द्वारा एक विशाल जागरूकता रैली और सत्र आयोजित किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में डॉक्टरों, स्वास्थ्यकर्मियों, सुरक्षा कर्मचारियों और आम नागरिकों ने भाग लिया।
कार्यक्रम की शुरुआत ओएमक्यू के महाप्रबंधक श्री अतुल कुमार भटनागर द्वारा हरी झंडी दिखाकर रैली को रवाना कर के की गई। इस रैली ने नोआमुंडी के विभिन्न हिस्सों से गुजरते हुए आम लोगों को तंबाकू के दुष्प्रभावों से अवगत कराया। रैली के दौरान लोगों ने हाथों में जागरूकता संबंधी पोस्टर और बैनर लिए हुए थे जिन पर “तंबाकू से ना कहो”, “स्वस्थ जीवन का व्रत लें, तंबाकू का त्याग करें” जैसे संदेश लिखे थे।
तंबाकू पर खुली अपील: उद्योग की चालों को पहचानने की जरूरत
रैली के पश्चात एक विशेष जागरूकता सत्र का आयोजन किया गया जिसका विषय था – “खुली अपील – तंबाकू और निकोटिन उत्पादों पर उद्योग की चालों को उजागर करना”। इस सत्र में नोआमुंडी टीएमएच के प्रमुख डॉक्टरों – डॉ. तापस सारंगी, डॉ. केसी मुर्मू, डॉ. एके मोहंती और डॉ. एएस चटर्जी – ने तंबाकू के स्वास्थ्य, पर्यावरण और सामाजिक प्रभावों पर विस्तृत चर्चा की।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. धीरेंद्र कुमार और जीएम अतुल भटनागर ने भी अपने संबोधन में तंबाकू से होने वाली हानियों और इससे दूर रहने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि तंबाकू का सेवन केवल व्यक्ति की सेहत नहीं, बल्कि पूरे परिवार, कार्यस्थल और समाज को प्रभावित करता है।
स्वास्थ्य, पर्यावरण और निवारण पर केंद्रित संवाद सत्र
इसके साथ ही नोआमुंडी जेआरडी टीटीई में एक अन्य संवादात्मक जागरूकता सत्र का आयोजन किया गया जिसमें 60 से अधिक सुरक्षा कर्मियों ने भाग लिया। इस सत्र का संचालन वरिष्ठ रजिस्ट्रार और प्रभारी – व्यावसायिक स्वास्थ्य, डॉ. एस. चटर्जी ने किया। इस दौरान उन्होंने तंबाकू के विभिन्न रूपों – जैसे चबाने वाला तंबाकू, धुआं रहित तंबाकू, बीड़ी-सिगरेट आदि – और इनसे होने वाले विभिन्न प्रकार के कैंसर एवं अन्य गंभीर बीमारियों पर प्रकाश डाला।
उन्होंने बताया कि बच्चों, किशोरों, गर्भवती महिलाओं, वृद्धों और वयस्कों पर तंबाकू का प्रभाव अत्यंत गंभीर होता है और इससे अस्थमा, हृदय रोग, फेफड़ों की बीमारी और जीवनशैली जनित रोगों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। इसके अलावा उन्होंने तंबाकू उद्योग द्वारा युवाओं को आकर्षित करने की रणनीतियों और भ्रामक विज्ञापनों पर भी आगाह किया।
अनुबंध कर्मचारियों और समुदाय को दिया गया विशेष संदेश
इस कार्यक्रम की खास बात यह रही कि इसमें अनुबंधित कर्मचारियों, उनके परिजनों और स्थानीय समुदाय को भी शामिल किया गया और उन्हें तंबाकू के सेवन से दूर रहने और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करने की जिम्मेदारी दी गई। कार्यक्रम के अंत में उपस्थित लोगों को शपथ दिलाई गई कि वे स्वयं और अपने आसपास के लोगों को तंबाकू से मुक्त जीवन जीने के लिए प्रेरित करेंगे।
कार्यक्रम रहा पूरी तरह सफल, जागरूकता अभियान को मिला जनसमर्थन
इस पूरे आयोजन को लेकर नोआमुंडी में सकारात्मक माहौल देखने को मिला। प्रतिभागियों ने इसे एक जरूरी और प्रभावशाली पहल बताया। रैली और सत्रों में भाग लेने वाले प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वे इस संदेश को अपने घर, कार्यस्थल और समुदाय में फैलाएंगे और तंबाकू निषेध अभियान का हिस्सा बनेंगे।
नोआमुंडी टीएमएच द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम न केवल कर्मचारियों के लिए बल्कि पूरे समुदाय के लिए एक स्वस्थ और जागरूक जीवनशैली की ओर प्रेरित करने वाला कदम साबित हुआ।
मुख्य बातें संक्षेप में:
कार्यक्रम स्थान: नोआमुंडी, टाटा स्टील ओएमक्यू
मुख्य आयोजन: जागरूकता रैली, तंबाकू निषेध सत्र
उद्घाटन: श्री अतुल कुमार भटनागर, जीएम, ओएमक्यू
विशेष वक्ता: डॉ. धीरेंद्र कुमार, डॉ. एस. चटर्जी, डॉ. तापस सारंगी सहित अन्य
प्रमुख विषय: “तंबाकू पर उद्योग की चालों को उजागर करना”
प्रभाव क्षेत्र: स्वास्थ्य, पर्यावरण, समाज और परिवार