रिपोर्ट : शैलेश सिंह
पश्चिमी सिंहभूम जिले के घने जंगलों के बीच बसे नोवागाँव में एक बार फिर ‘जिद्दी हाथी’ का कहर टूटा है। गुरुवार की रात दतैल हाथी ने नोवागाँव के करमु तोरकोड नामक ग्रामीण का घर पूरी तरह से तहस-नहस कर दिया। हाथी की इस तांडव लीला से पूरा गाँव दहशत में है और लोग रातें जागकर बिताने को मजबूर हो चुके हैं।
ग्रामीणों के मुताबिक, यह हाथी पिछले कुछ सप्ताह से बार-बार गांव में आ रहा है और लगातार नुकसान पहुँचा रहा है। “रात के करीब 11 बजे के आसपास यह हाथी गाँव में घुस आया और करमु तोरकोड का घर पूरी तरह तोड़ डाला,” एक ग्रामीण ने बताया। “हम सब बच्चे-बूढ़े लेकर भागे, नहीं तो जान का भी खतरा था।”
रातें जागकर काट रहे ग्रामीण
गाँव के लोगों का कहना है कि उन्होंने वन विभाग से कई बार शिकायत की है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। ग्रामीणों का आरोप है कि हाथी के व्यवहार को लेकर वन विभाग की उदासीनता उन्हें रोज़ खतरे में डाल रही है।
वन विभाग की चुप्पी पर सवाल
वन विभाग की टीम को मौके पर बुलाने की कोशिश की गई, लेकिन देर रात कोई सहायता नहीं मिली। ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय रहते हाथी को पकड़ा या खदेड़ा नहीं गया, तो आने वाले दिनों में यह किसी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है।
ग्रामीणों की मांग: हाथी को रिहायशी क्षेत्र से दूर ले जाए प्रशासन
ग्रामीण अब एकजुट होकर प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि इस हाथी को किसी सुरक्षित वन क्षेत्र में ट्रांसलोकेट किया जाए या फिर कोई वैकल्पिक कदम उठाया जाए जिससे लोगों की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।