विद्यालयों की स्थिति से लेकर खेल प्रशिक्षण तक, अधिकारियों को दिए गए जरूरी निर्देश
रिपोर्ट : शैलेश सिंह
जिला उपायुक्त श्री चंदन कुमार की अध्यक्षता में समाहरणालय सभागार में शिक्षा विभाग एवं खेल विभाग की संयुक्त समीक्षात्मक बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिले के शिक्षा एवं खेल से जुड़ी मूलभूत व्यवस्थाओं की गहन समीक्षा की गई तथा सुधारात्मक दिशा में आवश्यक निर्देश दिए गए।
बैठक में मुख्य रूप से अपर उपायुक्त, जिला गोपनीय प्रभारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक, जिला खेल पदाधिकारी सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
विद्यालयों की अद्यतन स्थिति पर समीक्षा
बैठक के दौरान सबसे पहले शिक्षा विभाग से संबंधित विभिन्न पहलुओं की समीक्षा की गई। उपायुक्त ने विद्यालयों की वर्तमान भौतिक स्थिति, रखरखाव की गुणवत्ता और कक्षाओं की दशा के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की।
मुख्य बिंदु रहे:
विद्यालय भवनों के रखरखाव और कक्षाओं की गुणवत्ता की समीक्षा
छात्रों के बैठने हेतु बेंच-डेस्क की उपलब्धता की स्थिति
विद्यालयों में विषयानुसार शिक्षकों की उपलब्धता
छात्र उपस्थिति, नामांकन और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के प्रयास
जिला शिक्षा पदाधिकारी को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया कि सभी सरकारी विद्यालयों में आवश्यक बुनियादी सुविधाएं तत्काल उपलब्ध कराई जाएं। उपायुक्त ने विशेष रूप से ग्रामीण और सुदूरवर्ती क्षेत्रों के विद्यालयों में आधारभूत सुधार के लिए सघन निगरानी और त्वरित क्रियान्वयन पर जोर दिया।
शिक्षकों की उपलब्धता और गुणवत्ता पर बल
श्री चंदन कुमार ने शिक्षकों की संख्या और विषय के अनुरूप उनकी तैनाती पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता बताई। उन्होंने निर्देश दिया कि ऐसे विद्यालय जहां विषय शिक्षक नहीं हैं या शिक्षकों की भारी कमी है, वहां त्वरित समाधान की कार्य योजना बनाई जाए।
इसके साथ ही उन्होंने शिक्षकों की प्रशिक्षण व्यवस्था, विद्यालय निरीक्षण और विद्यार्थियों के सीखने के स्तर के मूल्यांकन की प्रक्रिया को भी पारदर्शी और नियमित बनाए रखने के निर्देश दिए।
खेल विभाग की समीक्षा: प्रतिभा निखारने पर जोर
बैठक के दूसरे चरण में खेल विभाग की समीक्षा की गई। उपायुक्त ने जिले में संचालित आवासीय खेल प्रशिक्षण केन्द्रों की स्थिति की जानकारी ली। कोचों की संख्या, प्रशिक्षण की गुणवत्ता और खिलाड़ियों की भागीदारी पर भी विस्तृत चर्चा की गई।
प्रमुख मुद्दे जिन पर चर्चा हुई:
आवासीय प्रशिक्षण केंद्रों की कार्यप्रणाली और सुविधाएं
जिले में मुख्य रूप से खेले जाने वाले खेलों की सूची
प्रशिक्षकों (कोच) की उपलब्धता और प्रशिक्षण की गुणवत्ता
ग्रामीण क्षेत्रों से खिलाड़ियों की खोज और प्रोत्साहन की रणनीति
उपायुक्त ने निर्देश दिया कि खेल गतिविधियों को विद्यालय स्तर से प्रारंभ कर ब्लॉक और जिला स्तर पर नियमित प्रतियोगिताओं के आयोजन की व्यवस्था की जाए, ताकि प्रतिभावान खिलाड़ियों को उभरने का अवसर मिले।
प्रतिभाओं की पहचान और प्रोत्साहन
श्री कुमार ने कहा कि जिले में खेल प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है, आवश्यकता है तो केवल एक सुनियोजित और अनुशासित तंत्र की, जो इन प्रतिभाओं को निखार सके। उन्होंने जिला खेल पदाधिकारी को निर्देश दिया कि वे विभिन्न पंचायतों में प्रतिभावान खिलाड़ियों की पहचान करें और उन्हें प्रशिक्षण केन्द्रों से जोड़ें।
अंततः: शिक्षा और खेल – दोनों में गुणवत्तापरक सुधार का लक्ष्य
बैठक के अंत में उपायुक्त ने स्पष्ट कहा कि शिक्षा और खेल दोनों ही विभाग बच्चों के समग्र विकास से जुड़े हुए हैं। विद्यालयों को केवल अध्ययन केंद्र न मानकर व्यक्तित्व निर्माण के केंद्र के रूप में विकसित किया जाए। खेलों को भी शारीरिक गतिविधियों से आगे ले जाकर भविष्य की संभावनाओं के रूप में देखा जाए।
उन्होंने कहा कि दोनों विभागों को समन्वय के साथ कार्य करते हुए जिला प्रशासन के विकासात्मक दृष्टिकोण को आगे बढ़ाना है। साथ ही, उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे नियमित रूप से फील्ड में जाकर योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करें और बच्चों को अधिकतम लाभ मिल सके, यह सुनिश्चित करें।
निष्कर्ष:
इस समीक्षात्मक बैठक ने स्पष्ट कर दिया कि जिला प्रशासन शिक्षा और खेल के क्षेत्र में केवल औपचारिक कार्यवाही तक सीमित नहीं रहना चाहता, बल्कि जमीनी स्तर पर ठोस सुधार और गुणवत्तापरक विकास की दिशा में ठोस कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है।