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आसंगठित मजदूरों के हक की आवाज़ बनी ‘डालसा’

 

नोआमुंडी प्रखंड में विधिक सशक्तिकरण शिविर, मजदूरों को दी गई योजनाओं और अधिकारों की जानकारी

गुआ, संवाददाता
पश्चिमी सिंहभूम जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डालसा), चाईबासा द्वारा मंगलवार को नोआमुंडी प्रखंड सभागार में आसंगठित मजदूरों के लिए विधिक जागरूकता एवं सशक्तिकरण शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में महुदी, बालीझरन, कादाजामदा, कोटगढ़, दुधबिला, दिरीबुरु और बड़ा जामदा पंचायत के दर्जनों मजदूरों ने भाग लिया और अपनी समस्याओं के समाधान हेतु आवेदन सौंपे।

मजदूरों को मिले कानूनी अधिकारों की जानकारी

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डालसा के सचिव रवि चौधरी ने मजदूरों को संबोधित करते हुए उन्हें कानूनी अधिकारों और सरकारी योजनाओं के प्रति जागरूक किया। उन्होंने बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकार गरीब, वंचित और कमजोर वर्गों को निशुल्क कानूनी सहायता उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।

श्रम निबंधन कार्ड से कई सुविधाएं मुफ्त

श्री चौधरी ने बताया कि श्रम निबंधन कार्ड के तहत मजदूरों को मुफ्त बीमा, औजार योजना के तहत मुफ्त औजार, बच्चों के लिए निःशुल्क शिक्षा और स्टाइपेंड, प्रशिक्षण, नौकरी में सहायता और विवाह हेतु आर्थिक सहयोग जैसी कई सुविधाएं मिलती हैं।

कैदियों और पीड़ितों के लिए विशेष पहल

शिविर में यह भी बताया गया कि जेल में बंद कैदियों के अधिकारों की रक्षा करना भी डालसा की ज़िम्मेदारी है। यदि किसी नाबालिग बच्ची के साथ दुर्व्यवहार होता है, तो पीड़िता को आर्थिक मुआवजा देने का प्रावधान है। इसी प्रकार, सड़क दुर्घटना में मृत्यु या घायल होने पर आश्रितों को मुआवजा दिलाने में डालसा सक्रिय भूमिका निभाती है।

हिट एंड रन मामलों में भी सहायता

हिट एंड रन जैसे मामलों में, जहाँ वाहन चालक मौके से फरार हो जाता है, वहां डालसा की पहल पर थाना में केस दर्ज कराकर आश्रितों को दो लाख रुपये तक का मुआवजा दिलाया जाता है।

लोक अदालत से मिलता है त्वरित न्याय

डालसा सचिव ने कहा कि कई मामलों में लोक अदालत के माध्यम से त्वरित न्याय और समाधान दिलाया जाता है, जिससे मजदूरों को समय और पैसे दोनों की बचत होती है। लोक अदालत का उद्देश्य है – आम जनता को सरल और सुलभ न्याय उपलब्ध कराना।

गरीबों के लिए निःशुल्क सुविधा

कमजोर वर्ग के लोगों के लिए कोर्ट फीस माफ होती है, और उन्हें आने-जाने की सुविधा भी डालसा द्वारा प्रदान की जाती है। यह सहायता विशेष रूप से उन लोगों के लिए है जो आर्थिक रूप से पिछड़े हैं और न्यायालय तक पहुंचने में असमर्थ होते हैं।

स्थानीय जनप्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी

इस अवसर पर नोआमुंडी प्रखंड के सभी पंचायत सचिव, पी.ई., के.वी. शिक्षक सहित कई स्थानीय पदाधिकारी मौजूद रहे। प्रमुख रूप से दिल बहादुर, प्रमिला पात्रो, अनीता सहनी और सुनील देवगम की उपस्थिति ने कार्यक्रम को सफल और प्रभावी बनाया।

मजदूरों ने जताया आभार, मांगी निरंतरता

शिविर में आए मजदूरों ने जिला विधिक सेवा प्राधिकार के प्रति आभार प्रकट करते हुए ऐसे कार्यक्रमों को निरंतर और पंचायत स्तर तक ले जाने की मांग की, जिससे अधिक से अधिक मजदूर जागरूक हो सकें और योजनाओं का लाभ उठा सकें।

न्याय की पहुंच अंतिम पंक्ति तक

शिविर का मूल उद्देश्य था कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक न्याय की पहुंच सुनिश्चित की जा सके। डालसा द्वारा आयोजित यह पहल न सिर्फ कानूनी जागरूकता का माध्यम बनी, बल्कि मजदूरों के आत्मबल और अधिकारों को भी मजबूती प्रदान की।

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