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भगवान बिरसा मुंडा स्टेडियम को आम नागरिकों के लिए शीघ्र खोलने की मांग तेज, नशेड़ियों का अड्डा बनने का खतरा

 

नगर पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष ने उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन, खिलाड़ियों और युवाओं के भविष्य की चिंता जताई

सरायकेला। जिले के एकमात्र प्रमुख खेल परिसर भगवान बिरसा मुंडा स्टेडियम, सरायकेला को लेकर स्थानीय नागरिकों और जनप्रतिनिधियों की चिंता अब प्रशासन के दरवाजे तक पहुंच गई है। नगर पंचायत सरायकेला के पूर्व उपाध्यक्ष मनोज कुमार चौधरी ने उपायुक्त सरायकेला-खरसावां को ज्ञापन सौंपकर स्टेडियम को खिलाड़ियों और आम नागरिकों के लिए शीघ्र खोले जाने की मांग की है।

रिनोवेशन कार्य लगभग पूर्ण, फिर भी बंद है मैदान

ज्ञापन में बताया गया है कि स्टेडियम का रिनोवेशन कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है, बावजूद इसके स्टेडियम आम जनता और खिलाड़ियों के लिए अभी तक नहीं खोला गया है। लंबे समय से बंद रहने के कारण खेल गतिविधियां पूरी तरह ठप हैं और जिले के युवाओं को अभ्यास का कोई उपयुक्त स्थान नहीं मिल रहा है। पूर्व उपाध्यक्ष चौधरी ने कहा कि यह स्थिति युवाओं को भटकाव की ओर धकेल रही है, जो चिंता का विषय है।

स्टेडियम बनता जा रहा है नशेड़ियों का अड्डा

ज्ञापन में यह भी गंभीर आरोप लगाया गया है कि स्टेडियम के बंद रहने के कारण अब वह नशेड़ियों और असामाजिक तत्वों का अड्डा बनता जा रहा है। चौधरी ने प्रशासन से मांग की है कि मैदान की नियमित देखरेख और सुरक्षा के लिए कम से कम चार स्थानीय युवाओं की नियुक्ति की जाए, जो मैदान की निगरानी कर सकें।

खेल आयोजनों की आवश्यकता: बंद स्टेडियम, निष्क्रिय संसाधन

चौधरी ने यह भी कहा कि सरकार द्वारा करोड़ों की राशि खर्च कर स्टेडियम का रिनोवेशन कराया गया है, लेकिन यदि इसका नियमित उपयोग नहीं हुआ तो यह संसाधन बेजान धरोहर बनकर रह जाएगा। उन्होंने मांग की कि स्टेडियम में मासिक खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन अनिवार्य रूप से किया जाए ताकि खिलाड़ियों को मंच मिले और संसाधनों का समुचित उपयोग हो सके।

खिलाड़ियों के लिए हॉस्टल नहीं, प्रतिभा हो रही बाधित

ज्ञापन में चौधरी ने यह भी उल्लेख किया कि भगवान बिरसा मुंडा स्टेडियम एक जिला स्तरीय खेल परिसर है, जहां कई युवा नियमित रूप से प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। मगर यहां खिलाड़ियों के लिए किसी प्रकार की हॉस्टल या आवासीय सुविधा उपलब्ध नहीं है, जिससे बाहर से आने वाले प्रतिभावान खिलाड़ी कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने खिलाड़ियों के लिए स्थायी आवासीय सुविधा (हॉस्टल) का निर्माण करवाने की मांग भी की।

प्रशासन से शीघ्र हस्तक्षेप की मांग

पूर्व उपाध्यक्ष ने उपायुक्त से आग्रह किया है कि जनहित को ध्यान में रखते हुए स्टेडियम को आम जनता और खिलाड़ियों के लिए तत्काल खोला जाए तथा खेल और खिलाड़ियों को बढ़ावा देने हेतु उपरोक्त सभी बिंदुओं पर त्वरित निर्णय लिया जाए। ज्ञापन की प्रतिलिपि अनुमंडल पदाधिकारी सरायकेला और जिला खेल पदाधिकारी सरायकेला-खरसावां को भी भेजी गई है।

यह मामला केवल एक स्टेडियम का नहीं बल्कि जिले के युवाओं के भविष्य और खेल संस्कृति के पुनर्जीवन से जुड़ा हुआ है। देखना यह होगा कि प्रशासन इस मांग पर कितनी तत्परता से अमल करता है।

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