कश्मीर के पहलगाम में हिंदू पर्यटकों की निर्मम हत्या के विरोध में सड़कों पर उतरी सरायकेला की जनता, चंपई सोरेन और उदय प्रताप सिंहदेव के नेतृत्व में गूंजा ‘भारत माता की जय’
सरायकेला से विशेष रिपोर्ट
16 मई 2025, गुरुवार को सरायकेला में देशभक्ति की अनोखी तस्वीर सामने आई, जब हजारों की संख्या में लोगों ने तिरंगा यात्रा में भाग लेकर कश्मीर के पहलगाम में मारे गए हिंदू पर्यटकों को श्रद्धांजलि दी और भारतीय सेना के पराक्रम को नमन किया। इस तिरंगा सम्मान यात्रा का नेतृत्व झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री सह वर्तमान स्थानीय विधायक चंपई सोरेन और भाजपा जिलाध्यक्ष उदय प्रताप सिंहदेव ने किया।
पहलगाम की बर्बरता से आक्रोश, तिरंगा यात्रा से प्रतिकार
हाल ही में कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तानी समर्थित आतंकवादियों ने धर्म पूछकर 26 हिंदू पर्यटकों की नृशंस हत्या कर दी थी। इस हृदयविदारक घटना ने देश को झकझोर दिया। एक महिला, जिसने अपने पति को खो दिया था, ने जब आतंकियों से कहा, “मुझे भी मार दो,” तो आतंकी ने जवाब दिया, “मोदी को बता देना।” यह संवाद पूरे देश के लिए चुनौती बन गया।
मोदी सरकार की त्वरित प्रतिक्रिया, सेना को खुली छूट
इस वीभत्स हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान की ओर बहने वाले जल को रोकने का आदेश दिया और फिर भारतीय सेना को खुली छूट दे दी। सेना ने अभूतपूर्व पराक्रम का परिचय देते हुए 100 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया, उनके अड्डों को नेस्तनाबूद किया और जब पाकिस्तान ने जवाबी हमले की कोशिश की, तो भारत ने उसके कई एयरबेस और सामरिक ठिकानों को तबाह कर दिया।
तिरंगा यात्रा में जनसमुद्र, देशभक्ति की लहर
इस परिप्रेक्ष्य में सरायकेला में “तिरंगा सम्मान यात्रा” निकाली गई, जो दुर्गा पूजा मैदान से शुरू होकर गैरेज चौक, बस स्टैंड, और पंचायत कार्यालय होते हुए पुनः दुर्गा पूजा मैदान पर समाप्त हुई। जनसमूह ‘भारत माता की जय’, ‘वंदे मातरम’ और ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ के नारों से गूंजता रहा।
चंपई सोरेन ने किया जनता को संबोधित
सभा स्थल पर चंपई सोरेन ने वीर जवानों के शौर्य की सराहना करते हुए कहा,
“भारतीय सेना ने जो पराक्रम दिखाया, वैसा उदाहरण दुनिया में दुर्लभ है। पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब देना जरूरी था, और हमारी सेना ने यह कर दिखाया।”
उदय प्रताप सिंहदेव ने दिया सशक्त संदेश
भाजपा जिलाध्यक्ष उदय प्रताप सिंहदेव ने कहा,
“यह यात्रा केवल श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि पाकिस्तान को चेतावनी है कि भारत अब चुप नहीं बैठेगा। हम हर भारतीय की जान की कीमत जानते हैं।”
विविध जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति, सबने दी एकता की मिसाल
कार्यक्रम में कई सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों की प्रमुख हस्तियों ने शिरकत की। प्रमुख नामों में शामिल हैं:
बिजय महतो, रमेश हांसदा, राजा सिंहदेव, हरेकृष्ण प्रधान, रीता दुबे, अमरेश गोस्वामी, दुलाल स्वासी, रितिका मुखी, छायाकांत गोराई, राकेश मिश्रा, मनोज तिवारी, बद्री दारोगा, राजकुमार सिंह, ललन सिंह, तुषारकांत दुबे, निरंजन मिश्रा, स्वप्निल सिंह, परमेश्वर प्रधान, पंछी प्रधान, सुभाष करुवा, बुबाई शर्मा, बिनोद प्रधान, पंकज कुमार, अनिशा सिन्हा, कविता दास और सूर्या देवी।
सांस्कृतिक गर्जना, राजनीतिक एकता का अद्भुत संगम
इस यात्रा ने न सिर्फ आतंकवाद के खिलाफ आक्रोश का प्रदर्शन किया, बल्कि पूरे जिले को एकजुटता के सूत्र में पिरो दिया। धर्म, जाति और राजनीतिक मतभेद भुलाकर लोग केवल “भारत माता की जय” के उद्घोष में सम्मिलित हुए।
निष्कर्ष: आतंक के विरुद्ध आवाज़ बनती जनशक्ति
सरायकेला की तिरंगा यात्रा केवल एक विरोध नहीं, बल्कि एक ऐलान थी — आतंकवाद को भारत बर्दाश्त नहीं करेगा। सेना का सम्मान और शहीदों की शहादत को नमन करने का यह तरीका जनमानस में राष्ट्रप्रेम की ज्वाला को प्रज्वलित करता है।