माओवादी टॉप लीडरों की मौजूदगी की सूचना पर चला विशेष अभियान, बलिबा के जंगल में अचानक गिरी आकाशीय बिजली; झारखंड पुलिस और सीआरपीएफ ने जताया शोक
सारंडा में सक्रिय हैं भाकपा (माओवादी) के बड़े नेता
रिपोर्ट : शैलेश सिंह
झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में स्थित घने सारंडा जंगल एक बार फिर नक्सली गतिविधियों का केंद्र बनते दिख रहे हैं। प्रतिबंधित माओवादी संगठन भाकपा (माओवादी) के शीर्ष नेता—मिसिर बेसरा, अनमोल, मोछु, अनल, असीम मंडल, अजय महतो, सागेन अंगरिया, अश्विन, पिंटु लोहरा, चंदन लोहरा, अमित हांसदा उर्फ अपटन, जयकांत और रापा मुंडा—अपने दस्ता सदस्यों के साथ कोल्हान क्षेत्र में विध्वंसक गतिविधियों की योजना बना रहे हैं।
विशेष सूचना के आधार पर बड़ा अभियान शुरू
विश्वस्त सूचना के आधार पर चाईबासा पुलिस, कोबरा 203 और 209 बटालियन, झारखंड जगुआर, और सीआरपीएफ की 26, 60, 134, 174, 193 और 197 बटालियनों की संयुक्त टीम ने 4 मार्च 2025 से छोटानागरा और जराईकेला थाना क्षेत्र के सीमावर्ती पहाड़ी व जंगली इलाकों में विशेष अभियान शुरू किया है।

बलिदान का दिन: 15 मई 2025
इस विशेष अभियान के दौरान 15 मई 2025 की शाम करीब 5:30 बजे छोटानागरा थाना क्षेत्र के बलिबा के समीप एक दुखद घटना घटी। अभियान के दौरान हुई अचानक तेज बारिश के साथ वज्रपात ने सुरक्षाबलों को चपेट में ले लिया। इस हादसे में सीआरपीएफ 26 बटालियन के द्वितीय कमान अधिकारी (2IC) एम. प्रोबो सिंह ने देश की सेवा में अपना सर्वोच्च बलिदान दे दिया।
तीन अधिकारी घायल, रांची रेफर
वज्रपात की चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हुए अन्य अधिकारी हैं—सहायक समादेष्टा सुबीर कुमार मंडल, स०अ०नि० सुरेश भगत और स०अ०नि० चंदलाल हांसदा। घायलों को पहले किरीबुरू स्थित सेल अस्पताल और नोवामुंडी के टाटा मेन अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से उन्हें बेहतर इलाज के लिए हेलीकॉप्टर द्वारा रांची रेफर किया गया।
त्वरित राहत और समर्पण का उदाहरण
वज्रपात के बाद संयुक्त बलों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए घायल जवानों को प्राथमिक उपचार पहुंचाया और प्रशासनिक स्तर पर रांची मुख्यालय से समन्वय कर हेलीकॉप्टर सुविधा सुनिश्चित कराई गई। इस संपूर्ण प्रक्रिया में पुलिस मुख्यालय, झारखंड रांची और सीआरपीएफ झारखंड सेक्टर का सक्रिय सहयोग रहा।
2IC एम. प्रोबो सिंह को श्रद्धांजलि
द्वितीय कमान अधिकारी एम. प्रोबो सिंह ने विपरीत परिस्थिति में भी अपने कर्तव्य से पीछे न हटते हुए जान की परवाह किए बिना देश के लिए अपना जीवन न्योछावर कर दिया। झारखंड पुलिस, सीआरपीएफ और सभी संयुक्त बलों ने उनके अद्वितीय बलिदान को नमन करते हुए गहरा शोक व्यक्त किया है।
जारी रहेगा अभियान, नहीं बख्शे जाएंगे माओवादी
इस दुखद घटना के बावजूद सुरक्षा बलों का अभियान जारी है। पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने दोहराया है कि माओवादियों की विध्वंसक मंशा को किसी भी कीमत पर सफल नहीं होने दिया जाएगा। जंगल, पहाड़, मौसम—कोई भी चुनौती सुरक्षाबलों के संकल्प को नहीं डिगा सकती।
जनता से अपील: सहयोग करें, सतर्क रहें
पुलिस प्रशासन ने स्थानीय ग्रामीणों और नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत स्थानीय थाना को दें। यह अभियान केवल सुरक्षा बलों का नहीं, बल्कि जन सहयोग से ही पूर्ण सफलता की ओर अग्रसर हो सकता है।