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सुदूरवर्ती सारंडा में हॉकी की नई सुबह: डे बोर्डिंग हॉकी सेंटर के बच्चों को महिला समिति ने किया प्रोत्साहित

 

सेल, मेघाहातुबुरु के सीएसआर योजना के तहत संचालित हॉकी प्रशिक्षण केंद्र में महिला समिति ने बच्चों को वितरित किया हॉर्लिक्स, खिलाड़ियों का बढ़ाया हौसला

रिपोर्ट : शैलेश सिंह
सारंडा के घने जंगलों के बीच स्थित मेघाहातुबुरु में खेल प्रतिभाओं को तराशने की दिशा में एक और प्रेरक पहल देखने को मिली। सेल (स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड) द्वारा सीएसआर योजना के अंतर्गत संचालित डे बोर्डिंग हॉकी सेंटर में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे 45 बच्चों को महिला समिति, मेघाहातुबुरु की ओर से पोषण आहार के रूप में हॉर्लिक्स वितरित किया गया।

इस कार्यक्रम का नेतृत्व महिला समिति की अध्यक्ष श्रीमती स्टेला सेलबम ने किया। उनके साथ समिति की अन्य सदस्याएं भी उपस्थित थीं, जिन्होंने प्रशिक्षणरत बच्चों के साथ कुछ समय बिताया और उन्हें प्रोत्साहित किया।

बच्चों को दी गई शुभकामनाएं

समिति की अध्यक्ष श्रीमती स्टेला सेलबम ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा, “आप सभी इस सुदूरवर्ती क्षेत्र से निकलकर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत और सेल का नाम रोशन करें—यही हमारी शुभकामना है।” उन्होंने प्रशिक्षण ले रहे बच्चों की प्रतिबद्धता और संघर्ष को सराहा और भविष्य में भी महिला समिति द्वारा ऐसे प्रयासों को सहयोग देने की बात कही।

खेल के माध्यम से आत्मनिर्भरता की ओर

हॉकी सेंटर में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे अधिकांश बच्चे ग्रामीण और आदिवासी पृष्ठभूमि से आते हैं। डे बोर्डिंग मॉडल के तहत उन्हें न केवल हॉकी की तकनीकी शिक्षा दी जाती है, बल्कि पोषण, अनुशासन और जीवन कौशल का भी प्रशिक्षण मिलता है। महिला समिति की यह पहल न केवल उन्हें मानसिक बल देती है, बल्कि यह इस बात का प्रतीक भी है कि समाज के विभिन्न वर्ग अब ग्रामीण प्रतिभाओं को आगे लाने में सहयोगी भूमिका निभा रहे हैं।

सीएसआर के तहत चल रही पहल को मिल रहा है समर्थन

सेल की यह सीएसआर पहल स्थानीय समुदायों के बीच काफी लोकप्रिय हो रही है। इससे न केवल खेल प्रतिभाओं को मंच मिल रहा है, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों—खासकर महिलाओं—का सक्रिय सहयोग भी देखने को मिल रहा है।

हॉकी सेंटर बना उम्मीद की किरण

सारंडा जैसे दुर्गम और नक्सल प्रभावित क्षेत्र में यह हॉकी सेंटर अब स्थानीय युवाओं के लिए उम्मीद की किरण बन चुका है। यहां से निकले कई खिलाड़ियों ने जिला और राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में भाग लिया है। महिला समिति द्वारा इस प्रकार का नैतिक और पोषणात्मक समर्थन इन खिलाड़ियों के मनोबल को और ऊँचा करता है।

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