मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन, कुचाई प्रखंड में निमडीह-धुनाडीह और तरंबा-अतरा सड़क निर्माण में भारी अनियमितताओं का आरोप
सरायकेला :
सरायकेला विधानसभा क्षेत्र के विधायक दशरथ गागराई ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से विशेष मुलाकात कर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत कुचाई प्रखंड में चल रही दो सड़क निर्माण योजनाओं में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और अनियमितता का आरोप लगाया है। उन्होंने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपते हुए इन योजनाओं की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
गुणवत्ता के नाम पर बड़ा समझौता, ब्लैक टॉपिंग उखड़ रही उंगलियों से
विधायक ने ज्ञापन में उल्लेख किया है कि निमडीह से धुनाडीह तक तथा तरंबा से अतरा तक बनाई जा रही सड़कें बेहद खराब गुणवत्ता की हैं। निर्माण में ब्लैक टॉपिंग की परत इतनी पतली है कि वह उंगलियों से ही उखड़ रही है। कई हिस्सों में तो कालीकरण किया ही नहीं गया है। पीसीसी पथ पर जगह-जगह दरारें पड़ी हैं और पुलिया तथा कल्वर्ट का निर्माण भी बेहद निम्नस्तर का है।
कल्वर्ट में सिर्फ ह्यूम पाइप डालकर छोड़ा गया, पहली बारिश में ढहने का खतरा
ज्ञापन में बताया गया है कि कल्वर्ट निर्माण में सिर्फ ह्यूम पाइप डालकर छोड़ दिया गया है, जिससे मामूली बारिश में ये संरचनाएं ध्वस्त हो सकती हैं। आरसीसी पुलिया का निर्माण भी तकनीकी मानकों की अनदेखी करते हुए किया गया है, जो ग्रामीणों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है।
सात करोड़ की योजना में छह करोड़ की निकासी, फिर भी अधूरा निर्माण
निमडीह से धुनाडीह सड़क योजना की प्राक्कलित राशि 7.99 करोड़ रुपये है, जिसमें से 6.65 करोड़ रुपये की निकासी हो चुकी है। इसी तरह तरंबा से अतरा तक की योजना की अनुमानित लागत 3.92 करोड़ रुपये है, जिसमें से 2.63 करोड़ रुपये निकाले जा चुके हैं। हैरानी की बात यह है कि एक वर्ष का समय विस्तार मिलने के बावजूद भी दोनों योजनाओं को अब तक पूरा नहीं किया गया है।
विभागीय संरक्षण में संवेदक कर रहे सरकारी धन की लूट: विधायक
विधायक गागराई का आरोप है कि इन योजनाओं में भारी भ्रष्टाचार हुआ है और संवेदकों को विभागीय संरक्षण प्राप्त है। उन्होंने कहा, “ऐसा प्रतीत होता है कि ये योजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई हैं। विभागीय अधिकारियों और संवेदक की मिलीभगत से सरकारी राशि को लूटा जा रहा है।”
दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग, संवेदक को करें ब्लैकलिस्ट
विधायक ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि इन मामलों में शामिल संवेदकों को तत्काल काली सूची में डाला जाए और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की लापरवाही न सिर्फ सरकारी धन की बर्बादी है, बल्कि ग्रामीणों की सुरक्षा से भी खिलवाड़ है।
ग्रामीणों में रोष, जांच की उठी मांग
इन अनियमितताओं के उजागर होने के बाद स्थानीय ग्रामीणों में भारी नाराजगी देखी जा रही है। लोगों का कहना है कि वर्षों बाद सड़क निर्माण की उम्मीद जगी थी, लेकिन भ्रष्टाचार ने उस पर पानी फेर दिया। ग्रामीणों ने भी इन योजनाओं की जांच कर दोषियों को सजा देने की मांग की है।