Search

मेघाहेतुबुरु खदान की समस्याओं पर झारखंड मजदूर संघर्ष संघ ने खोला मोर्चा: यूनियन ने प्रबंधन से तत्काल कार्रवाई की माँग की

 

खदान में श्रम कानूनों के उल्लंघन से लेकर अस्पताल में चिकित्सकों की कमी और फॉरेस्ट क्लीयरेंस में देरी तक—10 सूत्रीय माँग पत्र सौंपा गया कार्यपालक निदेशक को

रिपोर्ट : शैलेश सिंह
झारखंड मजदूर संघर्ष संघ, किरीबुरू इकाई ने मेघाहेतुबुरु खदान से जुड़ी कई गंभीर समस्याओं को लेकर सेल (स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड) प्रबंधन के समक्ष 10 सूत्रीय माँग पत्र प्रस्तुत किया है। यूनियन ने यह माँग पत्र कार्यपालक निदेशक (मानव संसाधन), सेल बोकारो को सौंपते हुए तुरंत हस्तक्षेप की माँग की है।

1. खदान में श्रम कानूनों का उल्लंघन: यूनियन भेदभाव की शिकार

यूनियन ने आरोप लगाया कि किरीबुरू खदान में श्रम अधिनियम 1947 की धारा 5(c) और 1982 के संशोधन अधिनियम की धारा 2(ra), 2(b) का उल्लंघन हो रहा है। खदान में एक से अधिक ट्रेड यूनियन हैं, लेकिन प्रबंधन एक विशेष यूनियन को तवज्जो दे रहा है। यह स्थिति कोड ऑफ डिसिप्लिन 1955 की भावना के विरुद्ध है। वर्षों से सीक्रेट बैलेट पेपर के माध्यम से मान्यता प्राप्त यूनियन का सत्यापन नहीं हुआ है।

यूनियन की माँग:

तुरंत सदस्यता सत्यापन प्रक्रिया शुरू की जाए।

सभी ट्रेड यूनियन को समान अधिकार दिया जाए।

2. खान सुरक्षा कमेटी में एकपक्षीय भागीदारी

मेघाहेतुबुरु खदान में खान सुरक्षा कमेटी में सिर्फ एक यूनियन को भागीदारी दी गई है जबकि अन्य यूनियन को दरकिनार कर दिया गया है। यूनियन ने इसे खान नियम 1955 की धारा 29Q का उल्लंघन करार दिया है।

3. अस्पताल में चिकित्सकों की भारी कमी: कर्मचारियों की जान जोखिम में

सेल किरीबुरू मेघाहेतुबुरु अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ और हृदय रोग विशेषज्ञों की भारी कमी को यूनियन ने बार-बार उठाया, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

यूनियन की माँग:

जब तक नियुक्ति नहीं होती, तब तक अस्पताल को रेफरल पॉइंट घोषित किया जाए ताकि कर्मचारी और उनके परिवार समय पर इलाज पा सकें।

4. जीरो ऑवर में C.U. सुविधा नदारद

यूनियन ने कहा कि इमरजेंसी स्थिति यानी जीरो ऑवर में CU की कोई ठोस व्यवस्था नहीं है। यूनियन ने सवाल उठाया कि जब क्षेत्रीय लोग भी इसी अस्पताल पर निर्भर हैं, तो ऐसी लापरवाही शर्मनाक है।

5. रेडियोलॉजिस्ट की कमी से करोड़ों की मशीनें धूल फांक रही हैं

एक रेडियोलॉजिस्ट की अनुपस्थिति के चलते पहले TM मशीन बंद पड़ी थी और अब अल्ट्रासोनोग्राफी मशीन भी उपयोग में नहीं है। इससे कर्मचारी और उनके परिवार चिकित्सकीय सुविधा से वंचित हो रहे हैं।

6. रक्त कोष और लैब व्यवस्था चरमराई: उपचार में बाधा

यूनियन ने कहा कि ब्लड बैंक का रजिस्ट्रेशन रिन्यू नहीं हुआ है, मशीनें खराब हैं और लैब तकनीशियन की भारी कमी है। इससे रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं, और चिकित्सकों का इलाज प्रभावित हो रहा है।

यूनियन की माँग:

लैब टेक्नीशियन की नियुक्ति तत्काल की जाए।

रक्तकोष का रजिस्ट्रेशन और उपकरण की मरम्मत शीघ्र हो।

7. फाइलिंग प्रणाली में ढिलाई: उत्पादन पर असर

सेल की फाइलिंग प्रणाली अत्यधिक धीमी है, जिससे स्पेयर पार्ट्स की आपूर्ति में देरी होती है। यूनियन ने पूछा कि अगर मशीनें रुकती हैं, तो उत्पादन में कमी का ज़िम्मेदार कौन होगा?

8. फॉरेस्ट क्लीयरेंस की प्रक्रिया लंबित: उत्पादन में रुकावट

साउथ ब्लॉक, सेंट्रल ब्लॉक और नॉर्थ ब्लॉक की फॉरेस्ट क्लीयरेंस प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हुई है। प्रबंधन ने अप्रैल तक मंजूरी का आश्वासन दिया था, लेकिन मई आ चुका है और स्थिति जस की तस है।

यूनियन का तंज:

कर्मचारी तैयार हैं उत्पादन के लिए, लेकिन प्रबंधन ही ‘युद्ध का मैदान’ नहीं दिखा पा रहा।

9. PF ट्रस्ट में भेदभाव: मेघाहेतुबुरु के कर्मचारियों को स्थान नहीं

बोकारो PF ट्रस्ट में अन्य खदानों की तरह मेघाहेतुबुरु खदान के नॉन-एग्जीक्यूटिव कर्मचारियों को शामिल नहीं किया गया है, जिसे यूनियन ने भेदभावपूर्ण बताया।

10. NICS फोरम में खदान की उपेक्षा: फैसले संयंत्र आधारित

एनआईसीएस फोरम में अब तक सिर्फ संयंत्र का प्रतिनिधित्व होता रहा है, जबकि खदान की भौगोलिक और प्रशासनिक समस्याएं भिन्न हैं। यूनियन ने खदान को भी प्रतिनिधित्व देने की माँग की है।

यूनियन का दो टूक संदेश

महामंत्री आफताब आलम ने कहा, “प्रबंधन को अब यह समझना होगा कि समस्याओं की अनदेखी से कर्मचारी असंतोष बढ़ेगा। हम उम्मीद करते हैं कि कार्यपालक निदेशक महोदया हमारे इन मुद्दों पर संज्ञान लेंगी और शीघ्र समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाएंगी।”

प्रबंधन की प्रतिक्रिया का इंतजार

अब देखना यह है कि सेल प्रबंधन इन गंभीर और व्यापक मुद्दों पर कैसे और कब तक प्रतिक्रिया देता है। क्या इन समस्याओं पर अमल के लिए कोई संयुक्त बैठक जल्द बुलाई जाएगी? मजदूरों की निगाहें अब बोकारो मुख्यालय पर टिकी हैं।

Related

कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में स्वास्थ्य शिविर के दौरान बच्चों को दी गई जागरूकता, डॉक्टर ऑन व्हील्स कार्यक्रम आयोजित रिपोर्ट: शैलेश सिंह। कस्तूरबा गांधी बालिका

महिलाओं के अधिकार, संरक्षण और सहायता सेवाओं की दी गई जानकारी, विभागीय समन्वय पर बल रिपोर्ट: शैलेश सिंह। पश्चिमी सिंहभूम जिला समाहरणालय स्थित जिला परिषद

अवैध उत्खनन, परिवहन और भंडारण पर शत-प्रतिशत अंकुश लगाने का निर्देश, हाटगम्हरिया-बलंडिया चेकपोस्ट पर विशेष निगरानी के आदेश रिपोर्ट: शैलेश सिंह। पश्चिमी सिंहभूम जिला समाहरणालय

एनएच-33 पर ट्रक चालक से की थी छिनताई, चौका पुलिस ने की कार्रवाई सरायकेला-खरसावां। छिनतई करने के आरोप में चौका थाना क्षेत्र के अजय कुमार

Recent News

Scroll to Top